अलीगढ़ : बहुत कठिन है डगर ‘रोशनी’ की, परिषदीय स्कूलों के बिजली कनेक्शनों के फिर से जुड़ने की राह आसान नहीं
अलीगढ़ : एक माह से कटे पड़े 300 परिषदीय स्कूलों के बिजली कनेक्शनों के फिर से जुड़ने की राह आसान नहीं है। पहले डीएम इस बिल को बिजली महकमे से 88 लाख कराएंगे, फिर बीएसए शासन को पत्र लिखकर बजट मांगेंगे। रकम आएगी, तब उसके जमा होने पर इन कनेक्शनों को जोड़ा जा सकेगा। देखने में यह सब इतना आसान न हो, लेकिन बीएसए को उम्मीद है कि पूरी प्रक्रिया जुलाई तक पूरी हो जाएगी।
एक महीने पहले बिजली विभाग ने 300 स्कूलों का बिल न जमा होने पर कनेक्शन काट दिया था। विभाग ने स्कूलों का बिल 10 करोड़ रुपये भेजा था। बीएसए रहे संजय कुमार शुक्ल ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से बिजली संयोजन वाले स्कूलों का ब्योरा मांगा था। इसके तहत 800 स्कूलों की लिस्ट सामने आई है, जिनमें बिजली कनेक्शन हैं।
बीएसए धीरेंद्र यादव ने बताया कि शासन की ओर से प्रति स्कूल 100 यूनिट 11 महीनों के लिए उपयोग करने की सीमा है। एक स्कूल में प्रति माह 100 यूनिट बिजली भी नहीं खर्च हो पाती है। 800 स्कूलों का 11 महीने का बिल 100 यूनिट के हिसाब से 88 लाख रुपये का बनता है। ऐसे में बिजली विभाग ने 10 करोड़ बिल कैसे भेज दिया? बीएसए ने डीएम के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह मामला रखा था। उन्होंने बताया कि डीएम ने कहा है कि विद्युत विभाग को बिल संशोधित करने के लिए कहेंगे। संशोधित बिल मिलने के बाद बीएसए शासन से बजट का आग्रह करेंगे। बजट मिलेगा, तब बिल जमा हो पाएगा और बच्चों को समस्या से निजात मिलेगी। इसमें कितना समय लगेगा, इसका कोई अन्दाजा नहीं हैँ।