एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

कोर्स घट गया, पर किताबों की रकम और वजन बढ़ गया : यूपी बोर्ड में 11वीं-12वीं का सिलेबस हुआ अलग पर प्रकाशकों की मनमानी जारी

1 comments

कोर्स घट गया, पर किताबों की रकम और वजन बढ़ गया : यूपी बोर्ड में 11वीं-12वीं का सिलेबस हुआ अलग पर प्रकाशकों की मनमानी जारी

लखनऊ । यूपी बोर्ड ने 11वीं और 12वीं का कोर्स अलग किया। सोचा इससे छात्रों का बोझ कुछ हल्का होगा। रेट भी कम होंगे, लेकिन किताब छापने वाले प्रकाशकों ने यह बोझ और बढ़ा दिया। किताबें अलग-अलग तो कर दीं, लेकिन किताबों की मोटाई, वजन और दाम पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। प्रकाशक मनमानी किताबें बेच रहे हैं। सभी स्कूल भी अलग-अलग किताबें चला रहे हैं। हालत यह है कि एक ही किताब बाजार में अलग-अलग दामों पर बिक रही है।

यूपी बोर्ड भी सीबीएसई की तर्ज पर अपने यहां बहुत से बदलाव कर रहा है। इसी के चलते 11वीं और 12वीं का कोर्स अलग-अलग किया गया। इसकी वजह थी कि 12वीं में बच्चों को 11वीं का कोर्स न पढ़ना पड़े। इससे बच्चे फोकस होकर पढ़ाई कर सकें। प्रतियोगी परीक्षाओं में 80 फीसदी 12वीं के कोर्स से सवाल आते हैं। इससे यहां भी दोबारा 11वीं के कोर्स को पढ़ने से बच्चे बच सकेंगे और प्रतियोगी परीक्षाओं पर फोकस कर सकेंगे। इस पर यूपी बोर्ड ने सीबीएसई का कोर्स पैटर्न तो अपना लिया, लेकिन किताबों पर कोई कंट्रोल नहीं है। सीबीएसई में तो एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं। वह काफी पतली होती हैं। उनकी मोटाई, वजन और दाम सब तय होते हैं। कंटेंट भी समान होते हैं। लेकिन यूपी बोर्ड में अलग-अलग प्रकाशक किताब छापते हैं। सिलेबस तो तय होता है, लेकिन किताबों के कंटेंट का कोई नियम नहीं है। कोई वही किताब कम पेज में तो कोई ज्यादा पेज में छापता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर अलग से प्रश्नोत्तर देकर भी कई पेज बढ़ा दिए गए हैं।

जितने प्रकाशक, उतने दाम 11वीं कक्षा की किताबें

फिजिक्स(पेपर 1 और 2) पेज दाम(रु.)

पहला प्रकाशक 974 780

दूसरा प्रकाशक 936 800

हिंदी(पेपर 1 और 2)

पहला प्रकाशक 260 110

दूसरा प्रकाशक 196 100

तीसरा प्रकाशक 352 41.97

चौथा प्रकाशक 336 40.14

गणित(पेपर 1 और 2)

पहला प्रकाशक 780 250

दूसरा प्रकाशक 926 325

तीसरा प्रकाशक 730 400

हाई कोर्ट के आदेश पर सभी प्रकाशकों को किताब छापने की अनुमति मिली हुई है। जो प्रकाशक हमने अधिकृत किए हैं उनके दाम तय हैं, लेकिन किताब बेचने से किसी को रोका नहीं जा सकता। अब ओपन मार्केट में स्कूलों और छात्रों पर निर्भर है कि वे कौन सी किताब खरीदें।
-शैल यादव, सचिव यूपी बोर्ड

अभिभावकों और छात्रों को शोषण से बचाने के दो तरीके हैं। बेसिक शिक्षा परिषद और एनसीईआरटी की तरह सरकार खुद किताबें छापे या फिर निजी प्रकाशकों को ही सिलेबस की बजाय कंटेंट उपलब्ध कराए, ताकि सभी किताबों की साइज तय हो जाएं ।
- डॉ. जेपी मिश्र, अध्यक्ष, प्रधानाचार्य परिषद•

1 टिप्पणी:

  1. 📌 कोर्स घट गया, पर किताबों की रकम और वजन बढ़ गया : यूपी बोर्ड में 11वीं-12वीं का सिलेबस हुआ अलग पर प्रकाशकों की मनमानी जारी
    👉 http://www.primarykamaster.net/2016/07/11-12.html

    जवाब देंहटाएं

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।