अब बीपीएड में 40 फीसदी नंबर पाएंगे तभी होंगे पास
खेल शिक्षक तैयार करने के लिए बीपीएड की पढ़ाई अब कठिन होने जा रही है। अब पास होने के लिए थ्यौरी में 40 प्रतिशत और प्रैक्टिकल में 50 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होगा। थ्योरी से ज्यादा अब प्रेक्टिकल में पास होने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने एनसीटीई की ओर से इस बार दो वर्ष का किए गए बीपीएड पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल को ज्यादा तवज्जो दी गई है।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एमएड और बीएड की तरह बीपीएड को दो वर्ष का कर दिया था। दो साल का सेलेबस तैयार करने के लिए विवि शिक्षा संकाय के डीन प्रो. एनपी सिंह के संयोजन में बोर्ड आफ स्टडीज गठित की गई। इसमें तीन केंद्रीय विवि के प्रोफेसर भी शामिल थे। कमेटी ने 26 को बैठक कर दो वर्षीय बीपीएड पाठ्यक्रम का सेलेबस तैयार कर लिया। बीपीएड में थ्यौरी और प्रैक्टिकल के लिए अलग-अगल डिवीजन के मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
थ्यौरी प्रैक्टिकल में अलग-अलग डिवीजन
बीपीएड के सेलेबस में एक अहम बदलाव किया गया है। थ्यौरी और प्रैक्टिकल में दो अलग-अलग डिवीजन दिए जाएंगे। थ्यौरी में हर पेपर में 40 प्रतिशत और एवरेज में भी 40 प्रतिशत नंबर आने पर ही पास माना जाएगा। प्रैक्टिकल कंपोनेंट में पासिंग प्रतिशत 50 हैं। 50 प्रतिशत नंबर न होने पर फेल माना जाता है। थ्योरी में 60 प्रतिशत पर प्रथम, 48 प्रतिशत पर द्वितीय और 36 प्रतिशत पर तृतीय श्रेणी है। वहीं स्किल कंपोनेंट (प्रैक्टिकल) में 75 प्रतिशत नंबर आने पर ही प्रथम श्रेणी मिलेगी। 60 प्रतिशत पर द्वितीय श्रेणी और 50 प्रतिशत पर तृतीय श्रेणी होगी। हर भाग में 80 प्रतिशत एक्सटर्नल और 20 प्रतिशत इंटरनल का होगा।
तीन भाग में बांटा गया दोनों साल का पाठ्यक्रम
बीओएस ने तमाम एक्सरसाइज और विभिन्न विवि के पाठ्यक्रमों का मंथन कर बीपीएड के पाठ्यक्रम का प्रारुप तैयार किया है। इसमें प्रथम वर्ष का पेपर 1450 नंबर का दूसरे वर्ष का पेपर 1350 नंबर का होगा। हर वर्ष को तीन भागों में बांटा गया है। प्रथम पार्ट में थ्योरी पेपर 800 नंबर का होगा। इसमें फिजिकल एजुकेशन की सैद्धांतिक जानकारी दी जाएगी। पार्ट बी प्रयोगात्मक कौशल विकास से संबंधित होगा यह 350 नंबर का होगा। और पार्ट सी शिक्षण कौशल का है, इसमें 300 नंबर रखे गए हैं। पार्ट बी में खेल फुटबाल, वालीबाल, कबड्डी खिलवाई जाएगी और फिजिकल एक्टिविटी होगी।
बीपीएड में प्रवेश के मानदंड कड़े किए गए हैं। वहीं बीपीएड कर सकते हैं जिनका बीए में 50 प्रतिशत है और बीए में फिजिकल एजुकेशन विषय होगा। इसी आधार पर सिलेबस को भी डिजाइन किया गया है। पूरी कोशिश है कि छात्र क्लास के साथ प्रैक्टिकल में भी पूरी तरह शामिल रहे। अब यह सेलेबस एकेडमिक काउंसिल के लिए भेजा जाएगा।
प्रो. एनपी सिंह, संयोजक बोर्ड आफ स्टडीज