बाउंड्री विहीन 600 स्कूल, खतरे में मासूम
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा पर जिम्मेदार गंभीर नहीं है। बेपरवाही यह है कि तालाब-पोखरे और सड़क के किनारे स्थित सैकड़ों स्कूलों की अब तक बाउंड्री भी नहीं कराई गई है। स्कूल की छुट्टी या मध्यावकाश के समय बाउंड्री विहीन स्कूलों में खेलते बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। ऐसे स्कूलों की संख्या जिले में करीब 600 बताई जा रही है। विभाग भी इसे स्वीकार कर रहा है, मगर बजट का अभाव बताकर चुप्पी साधे हुए है।
जिले में कुल 1924 प्राथमिक और 740 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। सुरक्षा मानकों के तहत विद्यालय में बाउंड्रीवाल होना जरूरी है। इससे इतर जिले के 600 स्कूल ऐसे हैं, जिनकी बाउंड्री ही नहीं है। इनमें 435 प्राथमिक व 165 पूर्व माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि बाउंड्रीवाल विहिन ज्यादातर स्कूल या तो सड़क के किनारे स्थित हैं या फिर तालाब-पोखरों से सटे हुए हैं। ऐसे में बच्चों के स्कूल आते-जाते हर वक्त भय बना रहता है। मध्यावकाश में जब बच्चे एमडीएम खाने के बाद खेलने जाते हैं तो चिंताएं और बढ़ जाती हैं। शिक्षक और अभिभावक दोनों ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर सहमे रहते हैं, जबकि विभाग इससे बेखबर चुप्पी साधे बैठा है। बताते हैं कि बाउंड्रीवाल निर्माण के लिहाज से करीब दो साल पहले ऐसे स्कूलों का सर्वे कराया गया था। चिह्नित स्कूलों की सूची शासन को प्रेषित की गई, लेकिन अब तक बाउंड्रीवाल बनाने के लिए धन अवमुक्त नहीं हो पाया है। सर्व शिक्षा अभियान सरकारों की प्राथमिकता में होने के बावजूद बाउंड्रीवाल निर्माण में अनदेखी पर हर कोई हैरत में है।
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परिसर में घूमते हैं मवेशी
बाउंड्रीवाल विहीन विद्यालय पशुओं का चारागाह बने हुए हैं। इनके परिसर में पूरे दिन पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं छुट्टी के दिनों में शरारती तत्व जमे रहते हैं। चोर-उचक्कों का भय भी बराबर बना हुआ है। स्कूल परिसर में रखे एमडीएम के बर्तन, सिलिंडर, फर्नीचर और अन्य जरूरी कागजातों की सुरक्षा भगवान भरोसे होती है।
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यह हैं बाउंड्री विहीन प्रमुख विद्यालय
लोटन ब्लॉक के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महथावल, प्राथमिक विद्यालय भरमी, प्राथमिक विद्यालय चनरैइया, प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय लोटन, प्राथमिक विद्यालय विजदेइया, प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर, प्राथमिक विद्यालय गदहमरवा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय कौलपुर ग्रांट, मैनहवा, प्राथमिक विद्यालय परसौना बढ़हरा। उसका ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सोहास जनूबी, टोला छोटकी ऊंचहरिया, प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोहास दरमियानी टोला फुलवरिया कला पोखरे के निकट बना है। बर्डपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय आमा, शोहरतगढ़ ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय टेकनार, जोगिया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय नादेपार, बांसी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बेलौहा, डुमरियागंज ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गरदहिया सड़क मार्ग और तालाब पोखरे के निकट हैं। खुनियांव ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कालीयहिया, भनवापुर ब्लाक के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिताही, खेसरहा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कडजा, प्राथमिक विद्यालय मूजडीह सहित नौगढ़, मिठवल, बढ़नी, बेलौहा, इटवा ब्लाकों मंकई स्कूल बाउंड्रीवाल विहीन हैं।
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यह सही है कि जिले के करीब 6 सौ स्कूल बाउंड्रीवाल विहीन हैं। ऐसे स्कूलों की सूची दो वर्ष पहले तैयार हुई थी। बजट आवंटन के लिए कार्य योजना बना कर राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि वार्षिक बजट में धन की व्यवस्था हो जाए। धन अवमुक्त होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। सड़क के किनारे समेत तालाबों-पोखरों से सटे स्कूलों को हर हाल में प्राथमिकता दी जाएगी। -रितेश कुमार श्रीवास्तव, जिला समन्वयक, निर्माण।
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विद्यालयों में बाउंड्रीवाल जैसी अहम समस्या पर विभाग को अति गंभीर होना चाहिए। जिले के लगभग छह सौ स्कूलों में बाउंड्रीवाल न होने से मासूमों के साथ-साथ अध्यापकों की भी जी का जंजाल बना रहता है। -राधेरमण त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ।