बदायूं : एसडीएम और तहसीलदार मारेंगे स्कूलों में छापे, मिड डे मील में सोमवार से दिए जाएंगे बच्चों को ताजे फल, डीएम ने प्रशासनिक अधिकारियों को निगरानी के दिए निर्देश
बदायूं : ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार से परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू हो रहा है। मिड डे मील के पहले बच्चों को ताजे फल दिए जाने की व्यवस्था कराई गई है। फल वितरण व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए डीएम ने पहले ही दिन सभी एसडीएम और तहसीलदारों को स्कूलों में छापामारी करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बीएसए के नेतृत्व में फल वितरण का निरीक्षण करेंगे।
बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें सेहतमंद बनाने के लिए नई व्यवस्था की गई है। बच्चों के स्कूल पहुंचते ही उन्हें खाने के लिए ताजे फल दिए जाएंगे। इसके बाद बच्चे पढ़ाई करेंगे और लंच के समय मेन्यू के अनुरूप मिड डे मील दिया जाएगा। फल वितरण के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराया गया है। शासन की मंशा के अनुरूप सब कुछ व्यवस्थित चले, इसके लिए डीएम सीपी त्रिपाठी ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को विद्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम और तहसीलदार निरीक्षण रिपोर्ट डीएम को प्रस्तुत करेंगे। गड़बड़ी मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने बताया कि बच्चों के लिए फल वितरण की व्यवस्था पूरी पारदर्शिता के साथ लागू कराई जाएगी। बीएसए और सभी खंड शिक्षा अधिकारी भी विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। फल वितरण की यह व्यवस्था हर सोमवार को रहेगी, इसलिए जो भी कमियां मिलेंगी उन्हें दुरुस्त कराया जाएगा।
हर सोमवार को 11 लाख के फल खाएंगे विद्यार्थी : विद्यार्थियों में अतिरिक्त पोषक तत्वों की भरपाई के लिए शासन आज से हर सोमवार को परिषदीय विद्यालयों में फल वितरण का आगाज करेगा। जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत करीब पौने तीन लाख विद्यार्थियों को ताजे फल मुहैया कराने का फरमान जारी हुआ है। हर विद्यार्थी को औसत चार रुपये के फल बांटे जाएंगे। शिक्षा विभाग ने विद्यालयों को निर्देशित किया है कि वह ताजे और अच्छे फल ही बांटे। हर महीने शिक्षा विभाग करीब पौने तीन लाख विद्यार्थियों को औसत चार रुपये के फल बांटने के लिए ग्यारह लाख रुपये खर्च करेगा। फल वितरण में निगरानी के लिए गांवों में प्रधानों व जिला पंचायत सदस्य और अन्य जन प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया ।