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इलाहाबाद : बगैर इंजन के चल रही है शिक्षा की गाड़ी, पांच साल से सहायता प्राप्त कालेजों में प्रधानाचार्यो की नहीं हो रही तैनाती, कानपुर मंडल के साक्षात्कार पर और बाकी मंडलों के अंतिम रिजल्ट पर रोक

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इलाहाबाद : बगैर इंजन के चल रही है शिक्षा की गाड़ी, पांच साल से सहायता प्राप्त कालेजों में प्रधानाचार्यो की नहीं हो रही तैनाती, कानपुर मंडल के साक्षात्कार पर और बाकी मंडलों के अंतिम रिजल्ट पर रोक

धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद । सूबे के सहायता प्राप्त अशासकीय इंटरमीडिएट एवं हाईस्कूल कालेजों में बिना प्रधानाचार्य के शिक्षा की गाड़ी चलाई जा रही है। पांच साल से किसी भी कालेज को एक भी प्रधानाचार्य नहीं मिला है। यह जरूर है कि अधियाचन भेजा जा रहा है, परीक्षा हो रही है और कई जगह साक्षात्कार भी हुए हैं, लेकिन नियुक्ति का आंकड़ा सिफर है।

अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर एवं हाईस्कूल कालेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता एवं एलटी ग्रेड शिक्षकों की तैनाती का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कंधों पर है। चयन बोर्ड ने इसके लिए वर्ष 2011 एवं 2013 में अधियाचन मंगाकर नियुक्ति का प्रयास किया, लेकिन 2011 की भर्ती पर अनियमितता का ऐसा आरोप लगा कि वह अब तक धुल नहीं सका है। चयन बोर्ड ने कानपुर मंडल को छोड़कर बाकी सभी 17 मंडलों के साक्षात्कार भी कराए, लेकिन रिजल्ट निकालने के पहले हाईकोर्ट में चयन को चुनौती दी गई। कहा गया कि चयन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने गलत तरीके से अपनों को मौका देने के लिए कई बार आवेदन की समयसीमा इसलिए बढ़ाई ताकि उनके करीबी दावेदारी कर सकें। यह भी सवाल उठा कि जब तत्कालीन अध्यक्ष की नियुक्ति ही सही नहीं थी, तब उनके समय हुए साक्षात्कार कैसे ठीक हो सकते हैं। यह दलीलें सुनकर हाईकोर्ट ने प्रधानाचार्यो की नियुक्ति का रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी, जो अब तक जारी है।

वहीं, कानुपर मंडल के प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार के लिए इधर दो वर्षो में कई बार तारीखें घोषित हुईं। पहले वह शासन के निर्देश पर टलती रही। कुछ माह पूर्व साक्षात्कार शुरू होने वाला ही था तभी कानपुर नगर के एक कालेज ने हाईकोर्ट में यह दलील दी कि जब वह सरकार से कोई लाभ नहीं लेते हैं तो प्रधानाचार्य नियुक्ति चयन बोर्ड क्यों करें? उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी और साक्षात्कार ही लटक गया। सूत्रों के अनुसार 2011 के प्रधानाचार्यो का प्रकरण लटकने पर 2013 के अधियाचन पर कोई काम शुरू ही नहीं हो पाया है। अब तक मेरिट नहीं बनी है और न ही अन्य औपचारिकताएं पूरी हो पाई हैं। यह जरूर है कि वर्ष 2016 के लिए जिलों से प्रधानाचार्य पद का अधियाचन मांगा जा रहा है। अगले महीनों में इसका विज्ञापन निकालने की भी तैयारी है।

आधे से अधिक पद खाली : माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार तो अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कालेजों की तादाद 4025 है। उनमें से 2159 कालेजों के लिए अब तक अधियाचन आ चुके हैं, साफ है कि आधे से अधिक विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन हैं, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी स्कूल हैं जहां के अधियाचन भेजे ही नहीं गए।

प्रधानाचार्य के विज्ञापित पद

वर्ष  >> पद

2011 >>910

2013 >>599

2016>>650

नोट : 2016 के लिए अभी अधियाचन मंगाए जा रहे हैं इसमें संख्या बढ़ेगी।

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