एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़े

अटेवा अयोध्या अवकाश आंगनबाड़ी आंदोलन इलाहाबाद उत्तर प्रदेश उन्नयन उन्नाव उपस्थिति एनपीएस कन्वर्जन कास्ट कस्तूरबा कानपुर कार्यवाही कुशीनगर क्रीड़ा प्रतियोगिता गाजीपुर गोण्डा गोरखपुर चंदौली चुनाव जनपदवार खबरें जनपदीय रैली जर्जर भवन जीपीएफ जूनियर शिक्षक संघ जौनपुर ज्ञापन झांसी डायट देवरिया देहरादून नई दिल्ली नवोदय विद्यालय निपुण बैठक निरीक्षण निलम्बन नोटिस पदोन्नति परीक्षा कार्यक्रम पीलीभीत प्रतापगढ़ प्रदर्शन प्रयागराज प्रशिक्षण प्राथमिक शिक्षक संघ फर्जीवाड़ा बस्ती बायोमीट्रिक हाजिरी बेसिक क्रीड़ा प्रतियोगिता महराजगंज माता उन्मुखीकरण लखनऊ वाराणसी शाहजहांपुर शिक्षा विभाग संतकबीरनगर सिद्धार्थनगर

Search Your City

बदायूं : तो क्या स्कूलों में होगी बगैर किताबों के पढ़ाई ! शिक्षा विभाग ने पास आउट बच्चों की पुरानी किताबों से पढ़ाने का दिया निर्देश

0 comments

बदायूं : तो क्या स्कूलों में होगी बगैर किताबों के पढ़ाई ! शिक्षा विभाग ने पास आउट बच्चों की पुरानी किताबों से पढ़ाने का दिया निर्देश

बदायूं : कमाल की व्यवस्था। शिक्षा के नाम पर सरकारी खजाने से दौलत तो बेशुमार खर्च की जा रही, मगर पढ़ने के लिए बच्चों के पास किताबें तक नहीं हैं।

सोमवार को सुबह आठ बजे से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय खुलेंगे। पढ़ने के लिए गरीबों के बच्चे जरूर पहुंचेंगे, पर उनके पास किताबें नहीं होंगी। क्योंकि शासन ने अभी तक निश्शुल्क किताबें ही उपलब्ध नहीं कराई हैं। अलबत्ता या तो विद्यार्थी बिना किताबों के ही पढ़ेंगे, या फिर किसी की पुरानी किताबों के सहारे भविष्य संवारने के लिए अक्षर ज्ञान लेंगे। 1बेशक, शासन शिक्षा व्यवस्था में सुधार के तमाम दावे करता है मगर बुनियादी शिक्षा की पहली सीढ़ी पर ही दावा स्याह दिखने लगता। जिले के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक करीब पौने तीन लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। उन्हें पढ़ाई के साथ दोपहर का भोजन, दूध और पोषक तत्वों की भरपाई के लिए फल आदि देने तक की व्यवस्था की जाती है मगर पढ़ाई से संबंधित जरूरी सुविधाओं पर गंभीरता नहीं दिखती। शायद यही वजह है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए जुलाई माह तक शासन किताबों का प्रबंध नहीं कर सका। लिहाजा बिना किताबों के विद्यार्थियों का पढ़ाई में कितना मन लगेगा। यह सहज ही समझा जा सकता है। वहीं अधिकारियों की मानें तो अभी तक यह तय भी नहीं हुआ है कि कब तक किताबें आएंगी। इसलिए किताबों के मुद्दे पर वह भी चुप हैं। एक प्रधानाचार्य का कहना है कि बुनियादी स्तर पर शिक्षा में लापरवाही की वजह से शिक्षित बेरोजगारों की जमात बढ़ती जा रही है। अगर निश्शुल्क किताबें देने की व्यवस्था है तो उसे समय पर पूरा किया जाना चाहिए।

अभी शासन से किताबें नहीं मिली हैं। कब तक मिलेंगी। इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। विद्यालयों को निर्देशित किया है कि जो बच्चे पास आउट हो चुके हैं। उनकी किताबें लेकर, बच्चों को पढ़ाएं।
- प्रेमचंद्र यादव, बीएसए

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।