यूपी में मदरसा शिक्षकों के लिए अच्छी खबर
एक वर्ष बाद इन मदरसों ने अपने सारे विवाद दूर कर मानक पूरे कर लिए हैं
लखनऊ। प्रदेश में जब सपा सरकार बनी थी तो उस समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 147 मदरसों को अनुदान देने की घोषणा की थी, लेकिन जुलाई 2015 में सरकार 99 मदरसों को ही अनुदान दे पाई थी।
वह भी तब संभव हो पाया था जब सरकार ने अनुदान के लिए जरूरी मानक घटा दिए थे। इसके बाद भी, 48 मदरसे अनुदान से वंचित रह गए थे। सरकार ने इसके लिए वर्ष 2003 तक मान्यता प्राप्त मदरसों से ही आवेदन मांगे थे और इनको ही मानक पूरा करने के लिए समय दिया था। इनमें भी ज्यादातर मदरसे जमीन के मालिकाना हक के मानक को पूरा नहीं कर पा रहे थे।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक अनुदान की शर्त है कि मदरसा जिस जमीन पर संचालित है, वह मदरसे के नाम पर होनी चाहिए, लेकिन ज्यादातर मदरसे जिस जमीन पर स्थापित हैं उनमें मालिकाना हक को लेकर विवाद है। एक ही खसरा नंबर पर कई लोगों के नाम दर्ज हैं।
इस पर यह कहा गया था कि यदि मदरसा संचालक अपने नाम पर जमीन के कागज दिखा देंगे तो उन्हें अनुदान मिल जाएगा। अब एक वर्ष बाद इन मदरसों ने अपने सारे विवाद दूर कर मानक पूरे कर लिए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग ने इनके प्रस्तावों का परीक्षण भी कर लिया है, जिसको कैबिनेट में रखा जाएगा। अनुदान मिलने के बाद वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकार वेतन के लिए अनुदान देगी।