बेसिक का खेल, अवैध स्कूलों पर शिकंजा फेल
अंबेडकरनगर : जिले में बगैर मान्यता संचालित अवैध चिन्हित हुए। संचालकों को नोटिस जारी कर विद्यालय बंद करने की चेतावनी दी गई। ऐसे में अब तक न तो एक भी विद्यालय बंद हो सके और न ही उनसे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई। कारण विभाग ही अवैध विद्यालयों पर मेहरबान है। शासन की मंशा पर अभियान चलाकर जिलेभर से करीब 361 स्कूलों को बंद करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। सालभर का वक्त बीत चुका, लेकिन नतीजा सिफर है।
शासन के सख्त आदेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग के अधिकारी खेल कर गए हैं। सूत्रों के मुताबिक जिलेभर में करीब एक हजार से अधिक अवैध स्कूल संचालित हैं। परिषदीय शिक्षा से लेकर माध्यमिक तथा मदरसा शिक्षा में भी अवैध स्कूलों की भरमार है। जबकि चिन्हित करते समय तमाम स्कूलों को छोड़ दिया गया है। इसे लेकर स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी समेत शासन में शिकायत तथा न्यायालय में जनहित याचिका तक दाखिल है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को उपकृत करने वाले अवैध विद्वालयों को सूची से निकला दिया गया है। जबकि से¨टग फेल होने पर कुछ स्कूलों को बाद में नोटिस जारी किया गया। बीएसए जेएन ¨सह ने बताया कि मौजूदा समय में चिन्हित विद्यालयों समेत नए खुले अवैध विद्यालयों को खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से नोटिस जारी किया जा रहा है। यही वजह है कि तत्समय भी विभागीय अधिकारियों की कार्रवाई से इतर वित्त विहीन प्रबंधक संघ ने मोर्चाबंदी कर विरोध शुरू कर दिया था।
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-घुड़की तक ठिठकी कार्रवाई-
अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा के लिए नासूर बन चुके अवैध स्कूलों के संचालन पर इन दिनों कार्रवाई का चाबुक चल रहा है। जिले के कोने-कोने से इन स्कूलों को चिन्हित कर तत्काल बंद किए जाने को नोटिस जारी किया जा रहा है। बावजूद इसके मनमानी करने वाले शिक्षण संस्थाओं के विरुद्ध विरुद्ध बेसिक शिक्षा विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। इसके अलावा शिक्षण संस्थाओं से एक लाख रुपये तक जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। यह बात दीगर है कि पिछले एक साल से विभागीय अधिकारी अवैध शिक्षण संस्थानों को बंद कराने में तेजी दिखाने के बजाए घुड़की देने तक ही सिमटे हैं।