इलाहाबाद : दावे बड़े-बड़े, पढ़ाई ‘हवा’ में, परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का सच, सीबीएसई की तरह परिषदीय स्कूलों में अप्रैल में शुरू हुआ सत्र
संजीव गिरि, इलाहाबाद । नकल सीबीएसई व आइसीएसई की करने की कोशिश, और हकीकत स्कूल खोल देने के सिवाय सब ठनठन गोपाल। बेसिक शिक्षा परिषद के दावों की सच्चाई नए सत्र में पढ़ाई के मामले में कुछ ऐसी ही है। अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरू तो कर दिया, लेकिन नई किताबों का कुछ पता नहीं है। दावे किए जा रहे हैं कि सितंबर तक पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। फिलहाल बच्चों के बस्ते में पुरानी किताबें हैं, जबकि सीबीएसई के बच्चों के बस्ते अप्रैल में ही नई किताबों से सुसज्जित हो गए थे। दैनिक जागरण ने नए सत्र में मई, जून की छुट्टी के बाद जुलाई से पुन: शुरू हुए परिषदीय व माध्यमिक के आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाई की हकीकत खंगाली तो पता चला कि निश्शुल्क मुहैया कराई जाने वाली किताबों की अभी छपाई चल रही है। इसके लिए दस जनवरी को शासन ने प्रकाशकों के लिए टेंडर निकाला। मार्च में किताबों की छपाई शुरू करके मई के अंत और जून के द्वितीय सप्ताह तक शिक्षा विभाग को किताबें उपलब्ध कराने की योजना थी। अचानक पहले के टेंडर को निरस्त करके उसे नए सिरे से कराया गया। अफसरों का कहना है कि कागज की क्वालिटी अच्छी नहीं होने के चलते छपाई का टेंडर निरस्त कर दिया गया। फिर नए सिरे से 15 मई को छपाई टेंडर फाइनल हुआ। अब छपाई चल रही है।
बीएसए जयकरन यादव का कहना है कि किताबें कब आएंगी, उसकी जानकारी नहीं है। हां, पुरानी से पढ़ाई शुरू कर दी गई है। उधर, राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या संगीता सिंह कहती हैं कि पुरानी किताबों से पढ़ाई कराई जा रही है।
जिले में पंजीकृत विद्यार्थी
प्राइमरी : 3 लाख 15 हजार 167
उच्च प्राथमिक : 88 हजार 959
सहायता प्राप्त प्राथमिक : 2807
सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल :19702
मदरसा प्राइमरी : 11964
मदरसा जूनियर : 4779
माध्यमिक प्राइमरी : 17906
पूर्व माध्यमिक : 53069
राजकीय प्राइमरी : 108
राजकीय जूनियर : 2059
प्राइमरी (समाज कल्याण) : 3878
इन किताबों की होनी है आपूर्ति
कलरव, कार्य पुस्तिका कलरव, कार्य पुस्तिका कलरव (गणित), गिनतारा, हमारा परिवेश, रैनबो, संस्कृत पीयूषम, कार्य पुस्तिका गिनतारा, कार्य पुस्तिका रैनबो, परख, उर्दू जबॉ एक, उर्दू जबॉ दो, इल्म-ए- हिसाब, उर्दू जबॉ तीन, हमारा समाज, इल्म-ए- साइंस चार, उर्दू जबॉ पांच, बच्चों का हिसाब, वर्क बुक गिनतारा, हमारा पर्यावरण समेत कई किताबें शामिल हैं।