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अम्बेडकर नगर : अधिकारों के केंद्रीकरण पर भड़के बीईओ

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अधिकारों के केंद्रीकरण पर भड़के बीईओ

अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक के अधिकारों में केंद्रीकरण किए जाने की नीति से खंड शिक्षा

अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक के अधिकारों में केंद्रीकरण किए जाने की नीति से खंड शिक्षा अधिकारियों में नाराजगी है। सोमवार को उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षण संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर बांह में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। हालांकि संगठन ने प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षकों के उन्नयन के लिए बनाई गई सकारात्मक नीतियों की जमकर तारीफ करने के बाद सरकार को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी विवेक को सौंपते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों ने निदेशक स्तर से ब्लाक शिक्षा अधिकारियों की उपेक्षा किए जाने तथा अधिकारों के केंद्रीकरण कर उन्हें प्रभावहीन किए जाने का विरोध किया। बताया गया कि इससे शिक्षक विद्यालय से विरत होंगे और प्राथमिक शिक्षा के साथ खिलवाड़ होगा। कहा गया कि विगत वर्ष में शासन ने शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष मनाया। इसमें निरीक्षण पर विशेष बल दिया गया। मुख्य सचिव की ओर से इसके लिए योजना बनाने का निर्देश दिया गया था, हालांकि इसपर अभी तक अमल नहीं हुआ। प्रमुख समस्या की ओर ध्यान खींचते हुए कहा गया कि निरीक्षण के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को वाहन अथवा किराए के वाहन को उपलब्ध करने के लिए भत्ता ही नहीं मिल सका है। लिहाजा राजपत्रित अधिकारी होने के बाद भी साइकिल से ही खंड शिक्षा अधिकारियों को संपूर्ण ब्लाक का निरीक्षण करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। वजह कई वर्ष से यात्रा भत्ता के लिए धनराशि नहीं मिल रही है। वहीं खंड शिक्षा अधिकारियों ने ऑनलाइन निरीक्षण का बहिष्कार किया। संगठन ने बताया कि जनपद स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय तथा ब्लाक एवं नगर क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारियों को कोई अधिकार नहीं मिले हैं। शासन की विकेंद्रीकरण नीति का अनुपालन करते हुए कार्य एवं अधिकारों की मांग की। संगठन ने शिक्षा के गुणवत्ता की दुहाई देते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण का अधिकार बीएसए तथा मंडलीय सह शिक्षा निदेशक को दिए जाने का विरोध करते हुए त्रिस्तरीय स्थानांतरण की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग हुई। उक्त मांगों का निदान नहीं होने पर संगठन ने आगामी 12 जुलाई को प्रदेश व्यापी सांकेतिक धरना दिए जाने की चेतावनी दी है। संगठन ने एक केंद्रीकृत पद को महिमा मंडित करने के साथ ही असीमित अधिकार दिए जाने को लेकर कहा कि यदि इसके बाद भी शिक्षा की गुणवत्ता, नामांकन तथा शिक्षा व्यवस्था में आपेक्षित सुधार नहीं होता है तो इसका उत्तरदायित्व शिक्षा निदेशक पर ही होगा। प्रदर्शन में खंड शिक्षा अधिकारी केपी ¨सह, अशोक गौतम, बड़कऊ वर्मा, रामचंद्र मौर्य, सुरेश कुमार, सीबी पांडेय, अरुण यादव, आरपी राम आदि शामिल रहे।

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