फिरोजाबाद में सरकारी स्कूल के बच्चे मदरसे में मिले
छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए एका के एक मदरसा ने दाखिले का अजब का खेल खेला। सरकारी स्कूल से पास बच्चों को अपना छात्र बताकर अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का फार्म भर दिया। यह सभी बच्चे एका और फिरोजाबाद के सुदूर क्षेत्रों के हैं। मामला वित्तीय वर्ष 2014-15 का है। शिकायत के बाद बनीं छात्रवृत्ति जांच समिति ने निरीक्षण में मामला सामने आया। मामले में मदरसा प्रबंधन से दो बार स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
मामला एका के रामपुर स्थित मदरसा जामिया अरबिया लजना अबुल कलाम से जुड़ा हुआ है। यहां शिकायत के बाद वित्तीय वर्ष 2014-15 में अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की जांच को पूर्व में समिति गठित की गई थी। 10 फरवरी 2016 को अधिकारियों ने मदरसे में निरीक्षण किया तब प्रधानाचार्य उपस्थित मिले। जांच में कक्षा एक से पांच के छात्रों की मात्र तीन माह की उपस्थिति पंजिका मदरसा द्वारा प्रस्तुत की गई। जुलाई से लेकर अक्टूबर 2014 तक की उपस्थिति पंजिका अधिकारियों को दिखाई नहीं गई।
सुदूर क्षेत्रों के हैं ज्यादातर छात्र
अधिकारियों ने एसआर पंजिका और उपस्थिति पंजिका का गहन अध्ययन किया तो सामने आया कि छात्रवृत्ति सूची में कक्षा एक के 14 छात्र, दो के सात छात्र, तीन के सात, कक्षा चार के आठ छात्र, कक्षा पांच के 11 छात्र मदरसा स्थल से अत्यधिक दूर के रहने वाले मिले। कुल 47 छात्र-छात्राओं में से 13 छात्र ब्लॉक टूंडला के ग्राम गालिब नगर से रहने वाले थे। इनमें से आठ छात्र प्राथमिक विद्यालय ग्राम गालिब पचोखरा से कक्षा पांच पास हो चुके हैं। यह अधिकारियों को खुद बच्चों ने ही बताया था। सत्यापन में बच्चों की बात सही पाई गई। ऐसे में पढ़ाई पूरी करने के बाद मदरसे में बच्चों का फिर से दाखिला लेने का कोई औचित्य ही नहीं था। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तपस्वी लाल ने बताया कि मामले में हम दो बार मदरसा प्रशासन से स्पष्टीकरण मांग चुके हैं। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मदरसा ने गड़बडी करने की मंशा से षड़यंत्र रचा। अब तीसरी बार भी जवाब नहीं मिला तो हम अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक को मदरसे की मान्यता समाप्त के संबंध में पत्र लिखेंगे