राज्य सरकार ने दिया तोहफा, पांच हजार शिक्षकों को मिलेगा लाभ
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के समान वेतन व अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे नगर निकायों के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की मुराद इस चुनावी साल में पूरी होगी।
राज्य सरकार ने निकाय के शिक्षकों को भी बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के समान वेतन देने का फैसला किया है। इस संबंध में निदेशक स्थानीय निकाय ने सभी निकायों से एक सप्ताह में प्रस्ताव भेजने को कहा है। इस फैसले से करीब पांच हजार शिक्षकों को फायदा मिलेगा।
निकायों द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को कम वेतन मिल रहा है, जबकि उसी स्तर के बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को इनसे ज्यादा वेतन मिल रहा है। इस विषमता को दूर करने के लिए निकायों के स्कूलों के शिक्षक वर्षों से लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस संबंध में सरकार और शासन के साथ शिक्षक संगठनों की कई बार बैठकें भी हुईं, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका था।
बीते दिनों मामला जब मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो उन्होंने इस प्रकरण को जल्द निस्तारित करने का आदेश दिया था। इसके बाद नगर विकास विभाग ने प्रकरण के निस्तारण की प्रक्रिया तेज करते हुए सभी निकायों को लिखित तौर पर एक सप्ताह में प्रस्ताव भेजने को कहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के गठन के बाद निकायों द्वारा संचालित ज्यादातर स्कूलों का हस्तानांतरण तो परिषद को कर दिया गया था। लेकिन 190 प्राथमिक स्कूलों का संचालन स्थानीय निकायों द्वारा किया जा रहा है।
इन विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन निकायों के बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है जो बेसिक शिक्षा परिषद की तुलना में काफी कम है। इसलिए शिक्षकों की मांग थी कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के समान उनका भी वेतनमान 9300-34800 व ग्रेड पे 4200 किया जाए।
पहले भी निकायों से मांगा गया था प्रस्ताव
इससे पहले भी शासन की ओर से निकायों को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने के लिए कई बार कहा गया था, लेकिन किसी निकाय ने प्रस्ताव नहीं भेजा।
चूंकि इस बार मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर प्रस्ताव मांगा गया है और सिर्फ एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसलिए उम्मीद है कि सरकार निकाय शिक्षकों की मांग को लेकर निर्णय लेने का मन बना चुकी है।