एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

महराजगंज : चार माह बाद भी छात्रों को नहीं मिली पुस्तकें व ड्रेस

1 comments

महराजगंज : चार माह बाद भी छात्रों को नहीं मिली पुस्तकें व ड्रेस

जागरण संवाददाता,मिठौरा बाजार, महराजगंज: मिठौरा ब्लाक के परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के अध्ययनरत लगभग पच्चीस हजार बच्चो के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है, नए शिक्षा सत्र के चार महीने बाद भी इन बच्चो को बिना किताबों के ही विद्यालय जाना और दोपहर मे खाना खाकर वापस घर लौटना दिनचर्या बन चुका है। एक तरफ जहां परिषदीय विद्यालयो के सहारे प्रदेश सरकार कान्वेन्ट स्कूलों को मात देने का सपना संजोकर अध्यापकों की भरपूर व्यवस्था व नित नए प्रयोग जैसे फल, दूध आदि के सहारे बच्चो को बरगलाने का प्रयास तो कर रही है लेकिन वही शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण किताब व ड्रेस देने मे लापरवाही व उदासीनता इन सारी योजनाओं को एक झटके मे बर्बाद कर रही है। मिठौरा ब्लाक के शिक्षा के स्तर मे सुधार लाने के लिए गांव गांव स्कूल खोल दिए गए, विभागीय सूचना के मुताबिक ब्लाक मे 128 प्राथमिक व56 जूनियर विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में लगभग इक्कीस हजार छात्र व छात्रएं शिक्षा ग्रहण करते है और उनमे से अधिकांश बच्चे दुकानों से किताब व ड्रेस खरीद पाने की स्थिति में नही होते हैं।

गरीब परिवार से जुड़े होने के कारण ये लोग परिषदीय स्कूलो मे पढ़कर कुछ करने का सपना तो देखते है लेकिन इनके सपने को साकार होने से पहले ही तोड़ने में विभाग कोई कसर नही छोड़ रहा है। पुराने बच्चों के किताबों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है।किताबे एवं ड्रेस नही मिलने से जहां एक तरफ बच्चों का मन पढ़ने मे कम खेलने मे ज्यादा लगा रहता है तो वही अध्यापक भी किताबों के चक्कर मे आराम फरमा रहे हैं।

क्षेत्रीय ग्रामीण रामाशीष, कमलेस, गोविन्द, मदन, परवीन, राजकुमार, तबारक आदि का कहना है कि शिक्षा विभाग व उससे जुड़े जिम्मेदारों को इनके स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है। खण्ड शिक्षा अधिकारी मिठौरा धर्मेन्द्र कुमार पाल का कहना है कि किताबे अभी जिले में ही उपलब्ध नहीं है, मिलते ही विद्यालयों में वितरण कराया जाएगा। इस दौरान पुराने किताबों से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।

1 टिप्पणी:

  1. महराजगंज : चार माह बाद भी छात्रों को नहीं मिली पुस्तकें व ड्रेस
    👉 http://www.primarykamaster.net/2016/07/blog-post_862.html

    जवाब देंहटाएं

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।