महराजगंज : चार माह बाद भी छात्रों को नहीं मिली पुस्तकें व ड्रेस
जागरण संवाददाता,मिठौरा बाजार, महराजगंज: मिठौरा ब्लाक के परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के अध्ययनरत लगभग पच्चीस हजार बच्चो के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रहा है, नए शिक्षा सत्र के चार महीने बाद भी इन बच्चो को बिना किताबों के ही विद्यालय जाना और दोपहर मे खाना खाकर वापस घर लौटना दिनचर्या बन चुका है। एक तरफ जहां परिषदीय विद्यालयो के सहारे प्रदेश सरकार कान्वेन्ट स्कूलों को मात देने का सपना संजोकर अध्यापकों की भरपूर व्यवस्था व नित नए प्रयोग जैसे फल, दूध आदि के सहारे बच्चो को बरगलाने का प्रयास तो कर रही है लेकिन वही शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण किताब व ड्रेस देने मे लापरवाही व उदासीनता इन सारी योजनाओं को एक झटके मे बर्बाद कर रही है। मिठौरा ब्लाक के शिक्षा के स्तर मे सुधार लाने के लिए गांव गांव स्कूल खोल दिए गए, विभागीय सूचना के मुताबिक ब्लाक मे 128 प्राथमिक व56 जूनियर विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में लगभग इक्कीस हजार छात्र व छात्रएं शिक्षा ग्रहण करते है और उनमे से अधिकांश बच्चे दुकानों से किताब व ड्रेस खरीद पाने की स्थिति में नही होते हैं।
गरीब परिवार से जुड़े होने के कारण ये लोग परिषदीय स्कूलो मे पढ़कर कुछ करने का सपना तो देखते है लेकिन इनके सपने को साकार होने से पहले ही तोड़ने में विभाग कोई कसर नही छोड़ रहा है। पुराने बच्चों के किताबों से किसी तरह काम चलाया जा रहा है।किताबे एवं ड्रेस नही मिलने से जहां एक तरफ बच्चों का मन पढ़ने मे कम खेलने मे ज्यादा लगा रहता है तो वही अध्यापक भी किताबों के चक्कर मे आराम फरमा रहे हैं।
क्षेत्रीय ग्रामीण रामाशीष, कमलेस, गोविन्द, मदन, परवीन, राजकुमार, तबारक आदि का कहना है कि शिक्षा विभाग व उससे जुड़े जिम्मेदारों को इनके स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है। खण्ड शिक्षा अधिकारी मिठौरा धर्मेन्द्र कुमार पाल का कहना है कि किताबे अभी जिले में ही उपलब्ध नहीं है, मिलते ही विद्यालयों में वितरण कराया जाएगा। इस दौरान पुराने किताबों से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।
महराजगंज : चार माह बाद भी छात्रों को नहीं मिली पुस्तकें व ड्रेस
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