जुलाई आते ही घर-घर खुलने लगे विद्यालय
खैराही (सोनभद्र): जुलाई आते ही क्षेत्र में विद्यालयों की बाढ़ सी आ गई है। गत कई वर्षों से यह सिलसिला चल रहा है। मान्यता की किसी को फिक्र नहीं है। आज किसी स्थान पर विद्यालय चालू कर दिया गया कल कहीं और यह सिलसिला बराबर चल रहा है। इस चक्कर में संचालनकर्ता तो मालामाल हो रहे हैं लेकिन बच्चों का भविष्य किधर जा रहा है, यह किसी को पता नहीं है।
क्षेत्र के करमा, खैराही, इमलीपुर सहित तमाम जगहों पर बिना मान्यता के भारी संख्या में स्कूल फल-फूल रहे हैं। न तो इन स्कूलों का भविष्य अच्छा नजर आ रहा है और न ही इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का। इन सब चक्करों में अभिभावकों को कभी यहां कभी वहां चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की गलती कहा जाए या मिलीभगत यह समझ से परे नजर आ रहा है। ग्रामीण सीताराम, नसरत अली, शफीक अहमद आदि ने बताया कि क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष नए स्कूल खुल और बंद हो रहे हैं। जिसके चलते नुकसान उन बच्चों का हो रहा है। जिनको विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह लुभावना भरोशा दिया जाता है कि आपके बच्चे को अच्छी शिक्षा व्यवस्था मिलेगी। इन सारी स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन मौन धारण किए हुए है। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे स्कूल जो सुविधाओं का दावा करते आ रहे हैं। वहां बैठने के लिए बच्चों की कोई व्यवस्था ही नहीं है। वहीं अंग्रेजी माध्यम के नाम पर तो कहीं ¨हदी माध्यम के नाम पर अच्छी खासी फीस की वसूल की जा रही है। ग्रामीणों ने संबंधितों से जांच कर कार्रवाई की मांग की है।