कस्तूबरा विद्यालय में नाश्ते के बाद 16 छात्राएं बीमार
जेएनएन, आगरा: कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय में गुरुवार सुबह नाश्ते के बाद अचानक छात्राओं की
जेएनएन, आगरा: कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय में गुरुवार सुबह नाश्ते के बाद अचानक छात्राओं की तबियत बिगड़ गई। पेट दर्द और उल्टियां होने के बाद बेहोशी छाने लगी। फूड प्वाइजनिंग की आशंका से मची अफरातफरी के बीच छात्राओं को अस्पताल भेजा गया। आनन-फानन में डीएम अधिकारियों के साथ पहुंचे और छात्राओं का हालचाल लिया। इसके साथ ही चने और दूध के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। पिछले ढाई महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है।
कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय अकोला में स्थित है। गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे छात्राओं को नाश्ते में उबले हुए चने और दूध दिया गया। दूध में प्रोटीन पाउडर मिला हुआ था। नाश्ता लेने के कुछ देर बाद ही कक्षा सातवीं की छात्रा कविता चक्कर खाकर गिर गई। साथी छात्राएं कुछ समझ पाती, तब तक प्रियंका के पेट में दर्द होने लगा, एक के बाद एक छात्राओं को उल्टी और चक्कर आने लगे। सीएचसी से डॉक्टरों की टीम बुलाई गई, चार छात्राओं की तबीयत ज्यादा खराब थी। यहां से 16 छात्राओं को एंबुलेंस से सीएचसी पर भर्ती किया गया। डीएम पंकज कुमार, बीएसए धर्मेद्र सक्सेना सहित अन्य अधिकारी विद्यालय में पहुंच गए। उन्होंने चने में इस्तेमाल किए गए तेल और दूध की जांच की, सीएमओ डॉ. बीएस यादव छत पर चढ़ गए। पानी की टंकी में काई की परत जमी हुई थी, इसे देख उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को फटकार लगाई।
ये छात्राएं हुई बीमार
प्रियंका, मुस्कान, सोनम, मोनिका, प्रियंका, किरन, नजराना, ज्योति, शकुंतला, प्रीति, कविता, निशा, काजल, किरन, प्रियंका और पिंकी।
गर्मी और उमस से बुरा हाल,
जनरेटर है बंद
आवासीय विद्यालय में गर्मी और उमस से छात्राओं का बुरा हाल है। खाने को रखने के लिए फ्रिज तक नहीं है। इससे गर्मी और उमस में कुछ देर में ही खाना खराब हो सकता है। इससे पहले 13 मई 2016 को भी विद्यालय में 16 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग से बीमार हो गई थी। लेकिन व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं किया गया है। यहां जनरेटर है, लेकिन चलता नहीं है। विद्यालय में अधिकारियों के पहुंचने के बाद जनरेटर चलाया गया।
पानी की टंकी में मिली काई, आरओ मिला खराब
निरीक्षण के दौरान यहां पानी की टंकी में काई जमी हुई है। वहीं आरओ भी खराब पड़ा था। प्रदूषित जल से छात्राएं भी बीमार पड़ सकती है, लेकिन किसी का कोई ध्यान नहीं है।
'छात्राएं कैसे बीमार हुई यह जांच में पता चल सकेगा, चने में इस्तेमाल किए गए तेल से लेकर पीने के पानी और गर्मी उमस के कारण तबीयत बिगड़ सकती है।'
डॉ. बीएस यादव, सीएमओ