एकल शिक्षक के भरोसे 200 बच्चों का भविष्य
बांदा, जागरण संवाददाता : इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को चलाने के दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन 20 फीसदी स्कूलों के हजारों बच्चों का भविष्य महज एक शिक्षक या शिक्षिका पर निर्भर है। ऐसे में परिषदीय स्कूलों में पड़ने वाले नौनिहाल कैसे इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बच्चों के समकक्ष खड़े होंगे यह बताने की जरूरत नहीं है।
विकासखंड महुआ के प्राथमिक विद्यालय भाग-1 में पंजीकृत बच्चों की संख्या दो सौ है लेकिन विद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए महज एक ही शिक्षिका संगीता कार्यरत है। इसका ज्यादातर समय बच्चों को मध्यांह भोजन की तैयारी व खिलाने में बीत जाता है। थोड़ा बहुत समय बचा तो सरकारी कामकाज मे चला जाता है। ऐसे में बेहतर शिक्षण कार्य की बात करना बेमानी होगी। कमोवेश यही हाल अन्य विकास खंडों की है। जहां पर एक शिक्षक ही विद्यालय को संचालित कर रहे है। जिनमें ज्यादातर जुनियर विद्यालय सम्मिलित है।
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अभी शिक्षकों को इधर-उधर करने का कोई अधिकार हमारे पास नहीं है। हम मजबूर हैं लेकिन कुछ नहीं कर सकते हैं। फिर भी व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। - शिव नारायन ¨सह, बीएसए बांदा