आगरा : बीएड की तरह मुख्य परीक्षा में हुआ घोटाला, सत्र 2013 की मुख्य परीक्षा का परीक्षाफल घोषित होने के बाद नंबर बढ़ाए गए
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि में बीएड की तरह एक और घोटाला सामने आया है। सत्र 2013 की मुख्य परीक्षा का परीक्षाफल घोषित होने के बाद नंबर बढ़ाए गए हैं। इस मामले की जांच कराई जा रही है। फोइल (मूल्यांकन की अवार्ड लिस्ट) से चार्ट का मिलान कराया जा रहा है।
बीएड सत्र 2005 का परीक्षाफल घोषित होने के बाद नंबर बढ़ाए गए थे। फर्जी छात्रों के चार्ट में नाम और नंबर दर्ज कर मार्कशीट जारी कर दी गई। इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने फर्जीवाड़ा खोल दिया है। सूत्रों के मुताबिक इसी तरह से सत्र 2013 की मुख्य परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। इस सत्र का माइंड लॉजिक एजेंसी द्वारा परीक्षाफल तैयार किया गया। इसे वेबसाइट पर जारी कर दिया गया, वेबसाइट पर इंटरनेट मार्कशीट भी जारी की गई। मगर, चार्ट नहीं दिए, दो साल बाद इसी साल मई में एजेंसी ने विवि को चार्ट दिए हैं।
छात्रों को जारी की गई इंटरनेट मार्कशीट और एजेंसी द्वारा विवि को दिए गए चार्ट में अंतर है। इंटरनेट मार्कशीट में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों को अंक चार्ट में प्रथम श्रेणी में दर्शाया गया है। वहीं, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों के अंक चार्ट में द्वितीय श्रेणी के अंक दर्ज हैं। इसी तरह रोल नंबर जनरेट (बिना पढ़े और परीक्षा दिए मार्कशीट देना) किए जाने की आशंका है।
कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि माइंड लॉजिक एजेंसी के संचालकों और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। एजेंसी द्वारा दिए गए चार्ट का फोइल से मिलान कराया जा रहा है। जिससे इस तरह की गड़बड़ी पकड़ी जा सके, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
करोड़ों की हुई सौदेबाजी
एजेंसी ने दलालों के साथ मिलकर छात्रों के नंबर बढ़ाने के लिए करोड़ों की सौदेबाजी की। इसके बाद छात्रों के नंबर बढ़ा दिए गए। विवि में दो साल बाद उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट कर दी जाती हैं, इसलिए दो साल बाद ही चार्ट दिए गए हैं।