कंजड़ कहकर स्कूल में पढ़ाने से किया था इंकार, महफूज़ ने कराया 24 बच्चों का दाखिला
आगरा। आज़ादी के छह दशक बाद भी निम्न जातियों के लोगों के साथ भेदभाव जारी है.निम्न जाति के लोगों को देखकर लोग नाक पर रुमाल रख लेते हैं.उनके बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाता है.
कुछ ऐसा ही मामला ताजमहल के पीछे इंदिरा नगर मारवाड़ी झुग्गियों में रहने वाले लोगो का है.उनके बच्चे भी अन्य बच्चों को स्कूल जाते देख पढने की जिद करते हैं लेकिन स्कूलों में इन बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाता है.
बच्चों को कंजड कहकर भगा दिया जाता है.बच्चों के साथ हो रहे भेदभाव की जानकारी जैसे ही महफूज़ संस्था के पश्चिमी उ०प्र० के रीजनल को-आर्डिनेटर नरेश पारस को हुई तो उन्होंने झुग्गियों में जाकर परिवारों से बातचीत की.परिवारों ने बताया की वह बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन स्कूल वाले जातिसूचक शब्द कहकर भगा देते हैं.
नरेश पारस ने इस सम्बन्ध में मोती महल, कछपुरा और गौतम नगर के प्राईमरी स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए संपर्क किया तो स्कूल प्रधान अध्यापकों ने स्कूल में जगह न होने का बहाना बनाया.इस पर नरेश पारस ने उच्च अधिकारीयों से शिकायत करने की कही तो मोतीमहल और कछपुरा स्कूल के प्रधान अध्यापक बच्चों का दाखिला लेने के लिए तैयार हो गए.
शुक्रवार की सुबह नरेश पारस इंदिरा नगर मारवाड़ी झुग्गियों में पहुंचकर स्कूल जाने योग्य 44 बच्चों को चिन्हित किया.नरेश पारस इन बच्चों को नहला धुलाकर तैयार करके स्कूल ले गए.24 बच्चों का कछपुरा और 20 बच्चों का मोती महल प्राईमरी स्कूल में दाखिला कराया.अभिभावक के रूप में नरेश पारस ने ही हस्ताक्षर किये.पहली बार स्कूल जाकर बच्चे बेहद खुश नज़र आये.
नरेश पारस के साथ वार्ड 27 के पार्षद पति सुनील साकेत, रवि बंसल, सुरेन्द्र कुमार, आंगनबाड़ी सहायिका लीला, चंदा और बच्चों के माता-पिता रहे.परिजनों ने नरेश पारस का आभार जताया.नरेश पारस ने बताया की यहाँ 116 झुग्गियां हैं जिनमे से और भी बच्चे हैं जो स्कूल जाना चाहते हैं.उनको भी चिन्हित कर स्कूल में दाखिला कराया जायेगा.