महराजगंज : परिषदीय विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था लचर, शुद्ध पेयजल के लिए नौनिहालों को इधर उधर भटकना पड़ रहा
निचलौल, महराजगंज : स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में संसाधनों के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। इसके बावजूद शुद्ध पेयजल के लिए नौनिहालों को इधर उधर भटकना पड़ता है। विद्यालय परिसर में करीब पचास फीसद से अधिक हैंडपम्प या तो खराब हैं या गंदा जल उगलते हैं।
ब्लाक क्षेत्र में कई प्राथमिक विद्यालय तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं, लेकिन यहां करीब पचास फीसद हैंडपम्पों की स्थिति बेहद खराब है।1इस समस्या से निपटने के लिए कुछ शिक्षक तो अपने जेब से मामूली रूप से खराब हैंडपम्प को बनवा कर काम चला रहे हैं, जबकि बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान की होती है। शिक्षा महकमा के जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी भी प्रधान के उपर मरम्मत का जहमत थोप किनारा कर लेते हैं। ऐसे में बीते दो तीन वर्ष से खराब चल रहे इन हैंडपम्पों से इतर नौनिहालों को स्कूल के आस पास बने चापाकलों को ढूंढकर पानी पीना मजबूरी है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी सीपी गोड़ का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों में स्थापित हैंडपम्पों की स्थिति ठीक नहीं है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।