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इटावा : नमस्ते नहीं गुड मॅार्निंग बोलते हैं इस प्राथमिक पाठशाला के बच्चे

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नमस्ते नहीं गुड मॅार्निंग बोलते हैं इस प्राथमिक पाठशाला के बच्चे

विजय प्रताप ¨सह चौहान, इटावा: सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चे को पढ़ाना शर्म का विषय और प्राइवेट

विजय प्रताप ¨सह चौहान, इटावा:

सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चे को पढ़ाना शर्म का विषय और प्राइवेट व इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाना स्टेटस ¨सबल बन चुका है। नि:संदेह यह एक अनसुलझी पहेली है कि क्यों सरकारी शिक्षक भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में नहीं पढ़ा रहे हैं। यह तब है जबकि सरकारी बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाता है। लचर सरकारी शिक्षण व्यवस्था से इतर एक सरकारी विद्यालय ऐसा है जो इंग्लिश मीडियम में बच्चों को पढ़ा रहा है। विशेष रूप से चयनित हेड मास्टर व शिक्षकों द्वारा यहां बच्चे अंग्रेजी में शिक्षा पा रहे हैं और इंग्लिश मीडियम वाले बच्चों की तरह बात-व्यवहार करना सीख रहे हैं।

इंग्लिश मीडियम से बच्चों को शिक्षा देने वाला यह परिषदीय विद्यालय इटावा के बढ़पुरा ब्लॉक के कांधनी में स्थित है। प्राथमिक विद्यालय कांधनी में पिछले पांच साल से डेढ़ सौ से अधिक छात्र पंजीकृत रहे हैं। सत्र 2015-16 में मॉडल स्कूल के रूप में घोषित प्राथमिक विद्यालय कांधनी में 171 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इस विद्यालय में लगभग 85 प्रतिशत उपस्थिति रहती है जो कि अन्य परिषदीय विद्यालयों की तुलना में कहीं ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हुए 57 एडमिशन में से 27 बच्चे ऐसे हैं जो प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल छोड़कर आए हैं। आसपास क्षेत्र में इस विद्यालय की पढ़ाई को लेकर प्रशंसा मिल रही है। यहां बच्चों को सिलेबस यूपी बोर्ड का ही पढ़ाया जा रहा है। हालांकि सभी किताबें इंग्लिश में हैं जिनमें सिलेबस को अंग्रेजी में अनुवादित किया गया है।

स्मार्ट टीचर बना रहे बच्चों को स्मार्ट

इस विद्यालय में पढ़ाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में ही तैनात शिक्षकों से आवेदन मांग कर उनकी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद एक प्रधानाध्यापक व चार सहायक अध्यापकों का चयन किया गया था। चयन के लिए अनिवार्य था कि शिक्षक के पास स्नातक स्तर पर अंग्रेजी विषय अवश्य रहा हो और प्राथमिकता ऐसे शिक्षकों के लिए थी जिसने इंग्लिश मीडियम से अपनी शिक्षा ग्रहण की हो। मॉडल स्कूल घोषित होने के बाद से ही यहां तैनात प्रधानाध्यापक नीरज दुबे ने बताया कि सहायक अध्यापक अहसान अहमद, निशा सक्सेना, लतिशा गुप्ता, विजय विश्व वर्मा व शिक्षा मित्र नारायन देवी बच्चों को स्मार्ट बनाने में लगे हुए हैं।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित हुए थे दो विद्यालय

सामान्य तौर पर इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाने के लिए अभिभावकों को लगभग 500 रुपये प्रति माह खर्च करने होते हैं। ग्रामीण अंचलों में गरीब व अक्षम लोगों के बच्चों को भी फ्री में इंग्लिश मीडियम से शिक्षा मिल सके, इस उद्देश्य से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद के दो विद्यालयों को मॉडल स्कूल घोषित किया गया था जिनमें जसवंतनगर का प्राथमिक विद्यालय रायनगर भी शामिल है।

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