इलाहाबाद : अफसरों के दावे खोखले, घर बैठे हैं बच्चे, हालांकि बेसिक शिक्षाधिकारियों का दावा है कि अभिभावकों को स्कूलों की सूची उपलब्ध करा दी गई है जहां वे अपने बच्चों का करा सकते हैं प्रवेश
इलाहाबाद : सादियाबाद स्थित एमए कान्वेंट स्कूल को प्रशासन ने बंद करा तो दिया लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी वहां के छात्र छात्रओं का दाखिला किसी सरकारी स्कूल में नहीं हो पाया है। हालांकि बेसिक
शिक्षाधिकारियों का दावा है कि अभिभावकों को स्कूलों की सूची उपलब्ध करा दी गई है जहां वे अपने बच्चों का प्रवेश करा सकते हैं।
बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावक अधिकारियों की परिक्रमा कर रहे हैं। लेकिन अफसरों के दावे अब तक खोखले ही साबित हुए। इससे अभिभावकों में रोष व्याप्त है।
दैनिक जागरण ने शुक्रवार को अभिभावकों से बात की तो उनका दर्द जुबां पर आ गया। एमए कान्वेंट की मेंहदौरी कालोनी शाखा में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक मोहम्मद अरशद, अलकमा, बुसरा, मेराज अहमद, रफत बानो ने कहा कि शिक्षा विभाग से कोई अफसर बच्चों का दाखिला कराने के लिए नहीं आया। जबकि स्कूल बंद हुए लगभग दो हफ्ते होने वाले हैं। सादियाबाद स्थित स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के अभिभावक एजाज आलम ने कहा कि बच्चों का एडमीशन कराने व बातचीत करने के लिए शिक्षा विभाग का कोई अफसर आगे नहीं आ रहा है।
अफसरों ने कहा था कि किसी प्राइवेट स्कूल में दाखिला करा देंगे। अभी तक शिक्षा विभाग के किसी भी अफसर ने सादियाबाद के अभिभावकों से संपर्क नहीं किया है। बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। इसी स्कूल में नर्सरी की छात्र रह चुकी पीहू की मां शमा ने बताया कि शिक्षा विभाग के अफसरों ने जब संपर्क नहीं किया तो हमने एक प्राइवेट स्कूल में अपनी बेटी का दाखिला करा दिया है।
यह है पूरा प्रकरण : गौरतलब है कि एमए कान्वेंट स्कूल में स्वतंत्रता दिवस से पहले स्कूल प्रबंधक ने राष्ट्रगान प्रतिबंधित करा दिया। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो अफसरों की नींद टूटी और उन्होंने प्रबंधक को जेल भेजकर स्कूल बंद कर दिया। कार्रवाई के दौरान अभिभावकों से उनके बच्चों का प्रवेश अतिशीघ्र दूसरे स्कूल में कराने का वादा किया गया था लेकिन बच्चे आज भी घर बैठे हैं।