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एटा : नगला लोधा में ग्रामीणों के विरोध के बाद शिक्षिका विद्यालय नहीं आईं। पंचायत में लिए गए फैसले के बाद गांव का कोई भी बच्चा विद्यालय नहीं गया। अभिभावक संघ के पूर्व अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार के कई खुलासे किए।

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नगला लोधा में ग्रामीणों के विरोध के बाद शिक्षिका विद्यालय नहीं आईं। पंचायत में लिए गए फैसले के बाद गांव का कोई भी बच्चा विद्यालय नहीं गया। अभिभावक संघ के पूर्व अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार के कई खुलासे किए। उन्हें ड्रेस वितरण के गोलमाल में सात हजार रुपया दिया गया था। 

सोमवार की सुबह नगला लोधा का सुबह जब प्राथमिक विद्यालय खुला तो प्रधानाध्यापिका निशा परवीन विद्यालय नहीं आईं। निशा परवीन के अलावा विद्यालय में आधा चौधरी और ऊषा भी पढ़ाती हैं। जानकारी पर पता चला कि निशा परवीन अवकाश ले गई हैं। वह विद्यालय नहीं आएंगी। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। 

स्कूल में हंगामे की बात सुनकर नगला लोधा का कोई भी बच्चा विद्यालय में पढ़ने के लिए नहीं गया। गांव के करीब 65 बच्चे पढ़ने के लिए जाते है। इस विद्यालय में नगला मेवाती, नगला नया, गुलाबपुर के भी बच्चे पंजीकृत है। इन गांव के करीब 20 बच्चे ही विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंचे। विद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी होने पर पूर्व विधायक कुबेर सिंह अंगरिया गांव में पहुंच गए। उन्होंने विद्यालय की शिक्षिकाओं और ग्रामीणों से वार्ता की।

ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि विद्यालय में लंबे समय से गोलमाल हो रहा है। जब तीन किलो दूध को 72 बच्चों को पिलाने की बात कहीं गई तो उन्होंने इस मामले को अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कहीं। अभिभावक संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेश गिरी ने बताया कि पिछले वर्ष बच्चों की ड्रेस के लिए जो पैसा आया था। खराब गुणवत्ता की ड्रेस बांट दी गई। 

बचे हुए पैसे को बंटवारा हुआ था। इसमें सात हजार रुपया उन्हें दिया गया था। पैसा लेने के बाद उन्होंने मिले हुए पैसे से विद्यालय की पुताई करा दी थी। गोलमाल का आरोप निशा परवीन पर लगाया है। गांव के लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि निशा परवीन के पति गांव मे आकर अभिभावकों को धमकी देते है। 

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