इलाहाबाद : परीक्षा के बजाए मेरिट पर शासन का जोर शिक्षा निदेशालय से नियमावली में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव में भी परीक्षा कराने का जिक्र था, लेकिन शासन ने चयन मेरिट से कराने का दोबारा प्रस्ताव मांगा।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय परीक्षा के जरिए कराने को शासन ही तैयार नहीं है। शिक्षा निदेशालय से नियमावली में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव में भी परीक्षा कराने का जिक्र था, लेकिन शासन ने चयन मेरिट से कराने का दोबारा प्रस्ताव मांगा। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश के इस खुलासे के बाद अब बड़े पैमाने पर आंदोलन के आसार हैं, ताकि शासन चयन प्रक्रिया में बदलाव करे।
राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी है। शासन इसकी नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। असल में अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में जहां परीक्षा एवं इंटरव्यू के जरिए चयन होता है। वहीं, राजकीय कालेज में मेरिट के आधार पर चयन किया जाता है। एलटी ग्रेड शिक्षक बनने के दावेदार यह चाहते हैं कि दोनों जगह ही चयन की प्रक्रिया समान हो। इसके लिए टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह की अगुवाई में युवाओं ने शिक्षा निदेशालय में जोरदार प्रदर्शन किया। घेराव कर रहे युवाओं ने निदेशालय गेट पर नारेबाजी की। वहां पहुंचे अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश ने कहा कि वह युवाओं की मांग से सहमत हैं, लेकिन शासन ने ही मेरिट का प्रस्ताव मांगा है। अब मोर्चा की मांग के अनुरूप एक पत्र संयुक्त सचिव शिक्षा अनुभाग-दो को भेज रहे हैं। साथ ही एक हफ्ते में परीक्षा कराने का प्रस्ताव भी भेजेंगे।
रिंकू सिंह ने कहा कि प्रतियोगी लखनऊ में भी धरना देंगे इस बार राजकीय कालेज में परीक्षा से ही चयन होगा। मोर्चा ने 2014 में ही इस संबंध में हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार की नीति का मामला कहकर उसे खारिज कर दिया था। ऐसे में पूरा दबाव शासन पर बनाने की तैयारी है। युवाओं ने ज्ञापन अपर निदेशक को सौंपने के साथ ही मुख्यमंत्री को भी भेजा है।