बंधे पर बह रही अक्षर ज्ञान की गंगा
कहते हैं जब लगन और मेहनत हो तो हर बाधा पार कर ली जाती है। कुछ ऐसी ही मिसाल बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे गोंडा के बच्चों, टीचरों और गांव वालों ने भी पेश की है। गांव में आई बाढ़ से घरौदों के साथ डूबा स्कूल बांध पर चल रहा है। बांध पर विस्थापित गांव वालों ने एक झोपड़ी बना कर उसमें स्कूल बना दिया है।
एल्गिन चरसड़ी बांध पर गोंडा की सीमा से सटे परसावल और नैपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं। यहां बाढ़ विस्थापितों के करीब 109 बच्चे जिन्दगी में उड़ान भरने के लिए अक्षर ज्ञान की गंगा बहा रहे हैं।
प्रधानाध्यापक आदित्य मिश्र और सहायक अध्यापिका सीमा देवी रोजाना नाव से बांध पर बने स्कूल में पहुंच अपनी जिम्मेदारी की अनोखी मिसाल पेश कर रहे। बाढ़ से विस्थापित मनोहर यादव और श्याम किशोर कहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई न छूटे इसलिए ऐसा किया गया है। इस स्कूल में सुबह-सुबह गूंजती अक्षरों की किलकारियां घाघरा की लहरों से टकरा कर हौसलों की मिसाल पेश करती हैं।