सत्यापन के अभाव में प्राथमिक शिक्षकों को वेतन नही
72825 शिक्षकों की भर्ती में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पाए शिक्षकों को प्रमाण पत्रों के सत्यापन के अभाव में वेतन नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से साल भर में लगभग 56 हजार से अधिक शिक्षकों को नौकरी मिली। नौकरी के बाद इन शिक्षकों केहाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं बीएड के प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों को भेजा गया। प्रमाण पत्रों के सत्यापन में विलंब के कारण नौकरी पाने वाले आधे से अधिक शिक्षकों को आठ महीने से लेकर पांच महीने तक का वेतन नहीं मिल सका है। वेतन नहीं मिलने से परेशान शिक्षक बोर्ड, विश्वविद्यालय के साथ अधिकारियों के आगे पीछे चक्कर लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश टीईटी प्रशिक्षु शिक्षक संघ ने सरकार से प्रमाण पत्रों के सत्यापन के अभाव में वेतन रोके जाने की प्रक्रिया को खत्म करने की मांग की है। शिक्षकाें का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों को सत्यापन के लिए भेजे गए पत्रों को बीच में ही गायब करके वेतन लटकाया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि बोर्ड की ओर से सत्यापन करके संबंधित विभाग को पत्र भेज दिए जाने के बाद भी बीएसए कार्यालय के बाबू सत्यापन पत्र को गायब करके दोबारा बोर्ड एवं विवि सत्यापन के लिए भेज रहे हैं।
सत्यापन के लिए शिक्षक अपने स्तर से बोर्ड एवं विवि में एक नहीं तीन-तीन बार अपने आवेदन दिए हैं, उसके बाद भी सत्यापन नहीं हुआ। सत्यापन पूरा नहीं होने से शिक्षक बिना वेतन अपने खर्च पर विद्यालयों में आठ महीने से अध्यापन कर रहे हैं। नवनियुक्त शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से तत्काल वेतन जारी कराए जाने की मांग की है। सत्यापन पूरा नहीं होने से शिक्षकों को दूर-दराज गांवों में रहकर पढ़ाने केलिए अपने जेब से पैसे खर्च कर रहे हैं।