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कन्नौज : अब जहां मिलेंगे बच्चे, वहीं गुरुजी की लगेगी कक्षा, बेसिक शिक्षा विभाग शहरी व गांव क्षेत्र के निरक्षर बच्चों को साक्षर बनाने पर जोर दे रहा - बीएसए

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कन्नौज : अब जहां मिलेंगे बच्चे, वहीं गुरुजी की लगेगी कक्षा, बेसिक शिक्षा विभाग शहरी व गांव क्षेत्र के निरक्षर बच्चों को साक्षर बनाने पर जोर दे रहा - बीएसए

कन्नौज, जागरण संवाददाता : बेसिक शिक्षा विभाग नौनिहालों का भविष्य संवारने की तैयारी कर चुका है। पारिवारिक समेत अन्य वजहों से स्कूल न पहुंचने वाले पांच से 14 साल के निरक्षर बच्चों को साक्षर बनाने की पहल की गई है। सब कुछ ठीक रहा तो निरक्षर बच्चे जल्द फर्राटे से पढ़ते-लिखते नजर आएंगे। इसके लिए अब गुरुजी जहां ऐसे बच्चे दिखेंगे, वहीं अपनी कक्षा लगाएंगे। साथ ही स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करेंगे।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत नवीन शिक्षा सत्र अप्रैल व जुलाई में स्कूल चलो अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नवीन पंजीकरण व स्कूल न पहुंचने वाले पांच से 14 वर्ष के बच्चों पर अधिक फोकस किया गया है। जिला प्रशासन व बेसिक शिक्षा विभाग की सख्ती से परिषदीय विद्यालयों में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया गया है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग में निचले स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। इससे शहरी क्षेत्रों में पारिवारिक व अन्य कारणों से पांच से 14 वर्ष के कई बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं। इसमें मलिन बस्ती कुतुलूपुर, युसुफपुर भगवान, मौसमपुर मौरारा, मौसमपुर अल्हड़ आदि क्षेत्रों के बच्चे शामिल हैं। यहां के बच्चे स्कूल न जाकर कबाड़ बीनना, मंदिरों में भिक्षा मांगने समेत होटल, ढाबा, दुकानों आदि पर कार्य कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन बच्चों को साक्षर करने की नई पहल की है। परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षक तैनाती स्थल के आसपास मोहल्लों व गांवों में जाकर ऐसे बच्चों की तलाश करेंगे और उन्हें पढ़ने के लिए तैयार करेंगे। साथ ही अभिभावकों व समाजसेवियों संग कदमताल कर इनको साक्षर करने का काम करेंगे।

1,17,392 बच्चे ले रहे शिक्षा

वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में 1,17,392 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय में 92,308 व उच्च प्राथमिक विद्यालय में 24,584 व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन बच्चों को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक योग्य शिक्षक पढ़ा रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में कमजोर छात्र-छात्राओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इससे वह अन्य बच्चों की तरह शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।

जिम्मेदारों को लिखा गया पत्र

जिला प्रशासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निरक्षरों को साक्षर करने के लिए नगर शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को पत्र लिखा है। इसमें उनसे कहा गया है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पांच से 14 वर्ष का जो भी बच्चा स्कूल न जाता मिले। वहीं चौपाल लगाकर बच्चों को समझाएं। साथ ही शिक्षा के महत्व व उससे होने वाले लाभों की जानकारी दी जाएगी। अगर उनकी कोई समस्या है तो उच्चाधिकारी को अवगत कराएं। इससे समय रहते समस्या का समाधान किया जा सके। साथ ही ऐसे बच्चों का स्कूल में हरहाल में पंजीकरण कराया जाए। इससे आने वाले दिनों में यह निरक्षर बच्चे भी साक्षर हो सके। इसके लिए उनके अभिभावकों से भी बातचीत की जाए।

अफसर बोले

बेसिक शिक्षा विभाग शहरी व गांव क्षेत्र के निरक्षर बच्चों को साक्षर बनाने पर जोर दे रहा है। इस कार्य में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण में लापरवाही मिलने पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
-अखंड प्रताप ¨सह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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