आरटीई में आवेदन से स्कूल की चौखट न चढ़ पाए बच्चे
जागरण संवाददाता, आगरा: शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी बच्चों को शिक्षा दिलाने की गारंटी। इस अधिनियम सहारा लेकर प्राइवेट स्कूल में दाखिला पाने की चाह रखने वाले कई बच्चे अब तक विद्यालय की चौखट नहीं चढ़ पाए हैं। बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए उनके अभिभावक दो महीने से स्कूल और कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। अब उन्हें अपने बच्चों का साल बर्बाद होते दिख रहा है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शासन ने गरीब बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूल में कराने के निर्देश दिए थे। मगर, बहुत से बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें स्कूलों ने एडमिशन ही नहीं दिया है। खंदारी पर ठेल लगाने वाले बृजेश कुमार के दो बच्चे भी इसी कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बृजेश ने बताया कि उन्होंने आरटीई के तहत अपने बेटे अमन और बेटी अराधाना का एडमिशन रागेंद्र स्वरूप स्कूल में कराने के लिए आवेदन किया था, लेकिन बच्चों को एडमिशन नहीं दिया गया। बीएसए ने स्कूल को नोटिस जारी किया। डीएम ने भी स्कूल प्रबंधन को एडमिशन के लिए बोला था, लेकिन इसके बाद भी अभी तक बच्चे स्कूल जाने का इंतजार कर रहे हैं। बृजेश कुमार ने बताया कि वह दो महीने से चक्कर काटते-काटते थक गए हैं। बच्चों के भविष्य के लिए अपनी रोजी भी छोड़े हुए हैं, लेकिन फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। अब वो बच्चों के एडमिशन के लिए डीएम कार्यालय के बाहर धरना देंगे। वहीं, गायत्री पब्लिक स्कूल ने भी नोटिस के बाद एक छात्र को एडमिशन नहीं दिया है। अब वो छात्र अपने घर बैठा है। बीएसए धर्मेद्र सक्सेना ने बताया कि दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।