ड्रेस आपूर्ति में चांदी काटने की तैयारी
भगवंतनगर, संवाद सूत्र : परिषदीय स्कूलों में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते एक बार फिर से सुमेरपुर ब्लाक क्षेत्र में छात्रों की ड्रेस में खेल का खाका तैयार हो चुका है। इस बार इस खेल को खंड शिक्षाधिकारी के चहेते कुछ नए शिक्षक वितरण को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। खेल को लेकर विभाग में ही सेवारत शिक्षकों खफा तो हैं पर खौफ के चलते जुबान खोलने से भी डर रहे हैं।
बिना सूचना अनुपस्थित, देर से आने ओर जल्दी जाने, मिड-डे मील, मेंटीनेंस समेत करीब सभी योजनाओं के क्रियांवयन के साथ शिक्षण कार्य में खुलेआम गरीब बच्चों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ के बाद अब छात्रों के ड्रेस में खेल करने की भूमिका तैयार हो चुकी है। इस खेल को बीईओ की मिलीभगत कहा जाए या अनदेखी, लेकिन सत्ता में पहुंच रखने वाले कुछ विभागीय अधिकारियों के चहेतों ने इस बार ड्रेस आपूर्ति के लिए अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ब्लाक में ही सेवारत कुछ शिक्षकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कुछ नए शिक्षकों का एक गुट जो कि स्वयं को विधायक का करीबी बताता है निरंतर उन पर इस बात का दबाव बना रहा है कि कोई भी बाहर से ड्रेस नहीं लेगा। अत्यधिक जूनियर होने के बाद भी वे अधिकारियों की तरह आडिट में फंसाने की चेतावनी देने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। जबकि कुछ शिक्षकों ने बताया कि बीते वर्ष भी कुछ ऐसा ही किया गया था लेकिन इतना बड़ा दबाव नहीं बनाया गया था। जिन स्कूलों में बीईओ कार्यालय के इशारे पर ड्रेस की आपूर्ति ली गई थी उनका कपड़ा और सिलाई निम्न स्तर की थी।
सूत्रों की मानें तो ड्रेस आपूर्ति करने के लिए दबाव बना रहा यह ग्रुप अधिकतम 120 रुपये कीमत की ड्रेस को शासन से निर्धारित 200 रुपये में देकर भारी लाभ कमाने के लिए प्रयासरत है। इस मामले में वे स्कूल के प्रधान शिक्षक को भी आंशिक लाभ देने और आडिट में पास कराने का लालच भी दे रहे हैं। क्षेत्रवासी नारेंद्र ¨सह, बबलू, रामशरण ¨सह, प्रदीप ¨सह समेत अन्य दर्जनों शिक्षकों ने डीएम से मामले में सख्ती कर गरीब छात्रों के साथ होने जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने की मांग की है।
इस बाबत बीईओ अरुण अवस्थी ने कहा कि उनकी सहमति का तो सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने हाल में ही बैठक आहूत कर सभी प्रधान और इंचार्ज शिक्षकों को शासनादेश की प्रति उपलब्ध कराए जाने और उसी के अनुरूप ड्रेस की सिलाई कराने के निर्देश देने की बात कही गई है।