बदहाल व्यवस्था से बेहतर पढ़ाई का दावा
महराजगंज: सरकार प्राथमिक स्कूलों में पढने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए करोड़ों रूपय
महराजगंज: सरकार प्राथमिक स्कूलों में पढने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर रही है , लेकिन स्कूल में पढने वाले बच्चे मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं । बावजूद इसके विभागीय अफसरों को तमाम दिक्कतों से दो चार हो रहे इन नौनिहालों की सुविधा से कोई मतलब नहीं है । इसकी बानगी देखना हो तो नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के नरायनपुर गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर में आकर देखा जा सकता है । इस गांव मे 2007--08 में जब विद्यालय भवन का निर्माण शुरू हुआ तो ग्रामीणों को खुशी हुई कि आठवीं तक कि पढाई के लिए बच्चों को गांव से दूर नहीं जाना पड़ेगा , लेकिन भवन प्रभारी ने जब मानकों को ताक पर रख जैसे- तैसे निर्माण कार्य शुरू कराया तो ग्रामीण यह देखकर दंग रह गये । सब ने मिलकर विभागीय अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन भवन प्रभारी पर लोगों के विरोध का कोई असर नहीं पड़ा । अब तो विद्यालय भवन की हालत यह है कि पढाई की कौन कहे इन कमरों में खड़ा होने का कोई साहस ही नहीं करता । शिक्षक मुकेश मौर्य व राकेश कुमार का कहना है कि भवन के जर्जर होने के बावत कई बार विभागीय अधिकारियों को बताया गया , लेकिन किसी ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया । यही नहीं परिसर में बना रसोई कक्ष आठ वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा है । भवन प्रभारी ने धन निकासी के बाद रसोईकक्ष की दिवार खड़ी कर बिना छत लगाये ही फरार हो गया । यही कारण है कि रोसोइया जोगिन्द व मैना देवी बच्चों का एमडीएम विद्यालय के एक कोने में बनाती हैं । जिससे चुल्हे से उठने वाले धुंए से बच्चों की पढाई मे व्यवधान पड़ता है । स्कूल मे बना तीन कमरे का शौचालय भी उपयोग लायक नहीं है । बिना सीट व फाटक के इस जर्जर शौचालय के बनने के बाद से ही कोई इसमें नहीं गया । स्कूल के प्रधानाध्यापक मुकेश मौर्य ने बताया समस्या के बावत कई बार लिखित व मौखिक रूप में अधिकारियों को अवगत कराया गया । लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया । बेसिक शिक्षा अधिकारी जावेद आलम का कहना है कि बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए प्रयास किया जा रहा है । अगर विद्यालय में इस तरह की समस्याएं हैं , तो इसकी जांच कराई जायेगी तथा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।