परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने से मुंह फेर रहे छात्र
देवरिया : शासन का परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने पर जोर है। शासन की मंशा है कि कांवेंट विद्यालयों की तरह ही परिषदीय विद्यालयों में भी छात्रों की उपस्थिति और पढ़ाई हो, लेकिन लापरवाही के चलते शासन की मंशा पर पानी फिरने लगा है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने से छात्र रुचि नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को किसी विद्यालय पर एक भी छात्र नहीं थे तो किसी पर तीन छात्र पढ़ाई कर रहे थे, जबकि विद्यालयों से गुरुजी भी गायब मिले। इस लापरवाही को लेकर न तो शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीर हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
उच्च न्यायालय भी परिषदीय विद्यालयों की स्थिति सुधारने को लेकर एक वर्ष पूर्व एक आदेश दिया था, जिसमें नेताओं, अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों के बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में नामांकन कराने व शिक्षा ग्रहण कराने का निर्देश दिया था, लेकिन आज तक उस आदेश को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। इस आदेश का पालन होता तो शायद परिषदीय विद्यालयों की स्थिति कुछ हद तक सुधर जाती, लेकिन आज परिषदीय विद्यालयों की स्थिति दयनीय होती जा रही है। सलेमपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय परसिया खाप में प्रधानाध्यापक संभा यादव के साथ ही चार शिक्षकों की तैनाती है। शुक्रवार को यहां केवल प्रधानाध्यापक संभा यादव व सहायक अध्यापक रीता यादव उपस्थित रहीं, जबकि उमेश व श्रीमती रागिनी देवी गायब मिलीं। साढ़े ग्यारह बजे मात्र तीन ही छात्र शिक्षा ग्रहण करते हुए मिले। प्रधानाध्यापक ने कहा कि दोनों शिक्षक आवश्यक कार्य से गए हैं। तिलौली उर्फ डेहरी पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर प्रधानाध्यापक समेत छह शिक्षक की तैनाती है। यहां प्रधानाध्यापक समेत चार ही शिक्षक मौजूद थे, जो बात कर रहे थे। एक सहायक अध्यापक व विशेष शिक्षक विद्यालय से गायब थे। वहां एक भी छात्र मौजूद नहीं थे। प्रधानाध्यापक प्रियंवदा ने बताया कि आज गांव में पूजा है। कुछ बच्चे आए थे। वह पूजा में हिस्सा लेने के लिए चले गए हैं, जबकि विशेष शिक्षक व सहायक अध्यापक वेतन लेने के लिए छात्रों के जाने के बाद चले गए। खंड शिक्षा अधिकारी विनोद तिवारी ने कहा कि हम अवकाश पर हैं और इलाहाबाद में हैं।
शौचालय की स्थिति खराब
परिषदीय विद्यालयों का शौचालय बेकार पड़ा हुआ है। ऐसे में छात्रों को खेतों में जाना पड़ता है। सलेमपुर विकास खंड के अधिकांश विद्यालयों के शौचालय खराब पड़े हैं। वह चाहे परसिया खाप विद्यालय का शौचालय हो या फिर जमुआ नंबर एक का शौचालय।