लखनऊ : सभी स्कूलों को अपने स्टूडेंट्स को फुल स्लीव व फुल पैंट की यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल भेजने का निर्देश, सरकारी स्कूलों में मिली ड्रेस की छूट क्योंकि सरकारी स्कूलों में अब तक ड्रेस का वितरण नहीं
लखनऊ : अब शहर के सभी स्कूलों को अपने स्टूडेंट्स को फुल स्लीव व फुल पैंट की यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल भेजने का निर्देश जारी करना होगा। डेंगू से बचाव के लिए शुक्रवार को डीएम राजशेखर की ओर से सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किया गया। इसी के साथ स्कूलों को अपने कैंपस के आसपास साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना होगा। स्कूलों को ध्यान देना होगा कि स्कूल कैंपस में या उसके आसपास जलभराव वाली कोई ऐसी जगह न हो जिससे मच्छरों की ब्रीडिंग संभव हो। डीएम की ओर से स्कूलों को यह व्यवस्था करने के लिए रविवार तक का समय दिया गया है।
अगर लापरवाही की तो होगी कार्रवाई
डीएम ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जो भी स्कूल इस निर्देश का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी स्कूल प्रशासन को बोला गया है कि वे इस संबंध में तत्काल पैरंट्स को नोटिस जारी करें। इसके साथ ही अगर मैसेज या वाट्सऐप ग्रुप हो तो पैरंट्स को उस पर भी सूचित कर दिया जाए।
भेजना होगा फोटो, विडियो
डीएम ने सभी स्कूलों के रियालिटी चेक की भी व्यवस्था कर ली है। डीएम ने एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया है जिस पर सभी स्कूल संचालक जुड़े हुए है। सोमवार सुबह तक सभी स्कूलों को अपने स्कूल के स्टूडेंट्स की फोटो और वीडियो उस ग्रुप पर अपलोड करना है, जिसमें स्टूडेंट फुल ड्रेस पहने हुए हैं। साथ ही स्कूल के आसपास साफ-सफाई की भी पूरी जानकारी व रिपोर्ट स्कूलों को भेजनी है।
डराएं नहीं, अलर्ट करें
डीएम ने सभी स्कूलों से कहा है कि डेंगू पर स्वास्थ्य विभाग से मीटिंग हुई है जिसके मुताबिक स्थिति कंट्रोल में है। लेकिन डेंगू की स्थिति और भयावह न हो इसलिए यह व्यवस्थाएं की जा रही है। स्टूडेंट्स को डराने के लिए नहीं बल्कि बचाव के लिए निर्देश जारी किए जाएं।
सरकारी स्कूलों में मिली ड्रेस की छूट
कई सरकारी स्कूलों में अब तक ड्रेस का वितरण नहीं किया गया है। ऐसे में बीएसए ने सभी स्कूल जिम्मेदारों को निर्देश दिया है कि अगर उनके पास फुल ड्रेस नहीं है तो स्टूडेंट घर के कपड़े पहन कर भी आ सकते हैं। लेकिन सभी को फुल ड्रेस में आना होगा। हालांकि इन स्कूलों में साफ सफाई अब भी बीएसए के लिए चुनौती बनी हुई है। क्योंकि ज्यादातर स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जो नगर निगम की सीमा से बाहर आते हैं।