जौनपुर : जिदाबाद-मुर्दाबाद के नारों से दिनभर गूंजता रहा बीएसए दफ्तर, शिक्षा की नींव को मजबूत करने की जिम्मेदारी निभाने वाला बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों खामियों की भेंट चढ़ गया
जौनपुर: शिक्षा की नींव को मजबूत करने की जिम्मेदारी निभाने वाला बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों खामियों की भेंट चढ़ गया है। लूट-खसोट नीति के चलते तालीम देने की बजाए शिक्षक दरी पर बैठने को मजबूर हैं। मंगलवार को कार्यालय परिसर दिनभर ¨जदाबाद-मुर्दाबाद के नारों से गूंजता रहा।
शासन द्वारा गैर जनपद से बड़ी संख्या में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। प्राथमिक स्तर पर जहां रिक्त पद से कई गुना अधिक शिक्षकों का आदेश आ गया है वहीं जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक व प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति किए बिना बड़ी तादाद में शिक्षकों को भेज दिया गया है।
मूल स्थान से कार्यमुक्त होकर आए शिक्षकों को जिले में आमद नहीं कराया जा रहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी जिले से बाहर थे। मातहत उनके मौखिक आदेश का हवाला देते हुए फाइल लेने से मना कर दिए। इससे आक्रोशित गैर जनपद के शिक्षकों ने नारेबाजी शुरू कर दिया। उनके उग्र होने की जानकारी बीएसए को दी गई तो उन्होंने अपराह्न एक बजे के बाद पत्रावली जमा करने की व्यवस्था कराई। देर शाम तक गैर जिले से आए 380 शिक्षकों ने आमद कराई।
दूसरी तरफ पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित किए जाने से आक्रोशित शिक्षकों का तीसरे दिन भी धरना जारी रहा। आक्रोशित शिक्षकों ने विभाग पर हीलाहवाली और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दिया कि यदि सार्थक निष्कर्ष नहीं निकला तो शिक्षण कार्य बंद कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। धरना सभा की अध्यक्षता करंजाकला के अध्यक्ष संजय ¨सह तथा संचालन डा.अखिलेश ने किया। आंदोलन करने वालों में अर्चना ¨सह, रुबी, रश्मि, रीता, सुभी, शैलेंद्र ¨सह, संदीप, मीरा यादव, रेखा, चंदन, मृत्युंजय, आभा, संतोष, अनीता यादव, हरेंद्र गौतम, मंजू, प्रतिभा, सुरेंद्र नाथ मौर्य, आशुतोष, अर¨वद, तेज बहादुर, प्रमोद आदि शिक्षक रहे।