इलाहाबाद : मानदेय कम होने पर शिक्षकों में आक्रोश, एक हजार से पांच सौ रुपये मानदेय निर्धारण किए जाने पर फूटा गुस्सा
जासं, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्त विहीन गुट) की बैठक में एक हजार से पांच सौ रुपये मानदेय निर्धारण किए जाने पर आक्रोश जताया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ननकेश बाबू ने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को जीविकोपार्जन के लिए क्रमश: एक हजार और पांच सौ रुपये मानदेय देने की बात शासन कर रहा है। सरकार की अदूरदर्शी नीति को शिक्षक संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार के इस फैसले के विरोध में आंदोलन करने के लिए शिक्षक बाध्य होंगे। इस मौके पर फूलचंद्र कनौजिया, गोविंद प्रसाद, सीता शरण सिंह, बुद्धराम यादव, अमर बहादुर, मान सिंह पटेल, शैलेंद्र मौर्या, विनय यादव, सुरेंद्र प्रताप सिंह, शिव मोहन सिंह पटेल, महेंद्र द्विवेदी, मदन मुरारी श्रीवास्तव, अमर चंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।
नियुक्ति में धांधली की जांच को सौंपा ज्ञापन : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में अतिथि प्रवक्ता की नियुक्ति में हुई धांधली की जांच कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा। डा. मधुकर मिश्र के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि संस्कृत विभाग में अतिथि प्रवक्ता नियुक्ति में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही बताया गया कि कुछ ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र जमा कराए गए जो एमए संस्कृत/ समकक्ष परास्नातक परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं थे। अतिथि प्रवक्ता में व्यापक स्तर पर मनमानी की गई। नियमों को दर किनार कर नियुक्ति की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में डा. भानु प्रकाश त्रिपाठी, प्रभात त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश मिश्र, विनय, दीपक आदि शामिल रहे।