खुली वस्तुओं का न करें एमडीएम में इस्तेमाल
अमेठी : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन में अब प्रधानाध्यापकों की अनियमित
अमेठी : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन में अब प्रधानाध्यापकों की अनियमितता नहीं चलेगी। बच्चों को दिए जाने वाले एमडीएम में चंद पैसों की खातिर प्रधानाध्यापक शिथिलता बरतते हैं। जिसके चलते कई बार अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं। इसपर अंकुश लगाने के लिए बेसिक महकमे ने कमर कस ली है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजकर विभिन्न बिंदुओं पर गुणवक्ता पूर्ण एमडीएम का संचालन करवाने का निर्देश दिया है।
जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए जरूरी सूचना! अगर आप अपने विद्यालय में बच्चों के दोपहर के भोजन में अनियमितता बरत रहे है। तो सावधान हो जाइये। क्योंकि आपके विद्यालय कभी भी बेसिक महकमे के जिम्मेदार मध्यान्ह भोजन की गुणवक्ता देखने पहुंच सकते हैं। कार्रवाई से बचने के लिए आप मध्यान्ह भोजन संचालन में ब्रांडेड सामान ही उपयोग में लायें। जिला समन्वयक अरुण त्रिपाठी ने बताया कि मध्यान्ह भोजन संचालन में नए निर्देशों के तहत आयोडीन नमक का प्रयोग, एगमार्क मसाले, अच्छे ब्रांड का तेल व घी, अच्छे श्रेणी की सोयाबीन वो भी ज्यादा पुराना पैक न हो, इंडिया मार्का हैंडपंप के पानी का उपयोग, रसोई घर के पास साफ-सफाई, भोजन पकाने से पूर्व बर्तन को अच्छी तरह से धुल कर उपर ढक्कन से ढकें, गेंहू को साफ करवाकर पिसवाएं, चावल को अच्छी तरह धुलने के बाद पकाया जाये, ताजा एवं मौसमी सब्जियों का ही प्रयोग किया जाये, भोजन पकाते समय कोई बच्चा रसोई घर के अंदर न प्रवेश करे, बच्चों को भोजन परोसने से पूर्व बच्चों का का हाथ धुलवाया जाय। रसोइयों का स्वास्थ्य परीक्षण प्रत्येक छमाही कराया जाय। डीसी एमडीएम ने कहा कि अगर इसके बावजूद अगर कोई शिक्षक ब्रांडेड सामान का उपयोग करता हुआ नहीं पाया गया। तो उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई हेतु बीएसए को पत्र दिया जाएगा।