फतेहपुर : 01 अक्टूबर को मनेगा दादा- दादी, नाना-नानी दिवस, बीएसए विनय कुमार सिंह ने इस खास दिवस को रोचक तरीके से मनाने के आदेश दिए
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : कहते हैं मूलधन से ज्यादा सूत (ब्याज) प्यारा होता है। हां जी यह एकदम सत्य होता है। दंपती पहले अपने पाल्य पर सब कुछ न्योछावर कर देता है शादी के बाद जब पाल्यों के बच्चे होते हैं तो दादा-दादी, नाना-नानी का नौनिहालों पर उड़ेला जाने वाला प्यार देखते ही बनता है। साठ साल का वयोवृद्ध हलक की प्यास बुझाने के लिए आवाज देकर एक लोटा पानी मांगता हैं, लेकिन जब नाती-पोता उनसे इस उम्र में घुटनों और हाथ के बल घोड़े की सवारी कराने की मनुहार करता है तो वह पीछे नहीं रहते हैं। बुजुर्गों की पीठ पर नन्हें शैतानों की सवारी की कहानी हर घर से जुड़ी हुई है। पहली-तीसरी पीढ़ी के ऐसे संस्मरणों की याद के असीम प्यार की गाथा अब हर साल 1 अक्टूबर को दोहराई जाएगी।
शासन ने आदेश जारी करके परिषदीय स्कूलों में इस दिवस को रोचक तरीके से मनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। किस्से-कहानी सुनाने और तीसरी पीढ़ी पर प्यार उड़ेलने वाले दादा-दादी, नाना-नानी घर तक ही सीमित नहीं रहेंगे। इनके प्यार की अनगिनत गाथाओं का गुणगान से परिषदीय स्कूलों के आंगन हर साल गुलजार होंगे। शासन ने एक अक्टूबर को सभी परिषदीय स्कूलों में भव्यता के साथ दादा-दादी, नाना-नानी दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस खास दिवस को मना रहे बच्चों के बीच मौजूद शिक्षक-शिक्षिकाओं को नि:संदेह अपने बचपन की याद ताजा हो जाएगी। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए शासन के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग में गतिविधियां तेज हो गई हैं।
बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि इस खास दिवस को रोचक तरीके से मनाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे कार्यक्रमों से नि:संदेह परिवार में व्याप्त खुशहाली को चार चांद लगेंगे। कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए प्रभावी ढंग से कार्यक्रम मनाया जाए इसके लिए खंड शिक्षाधिकारियों को मदद करने के निर्देश दिए गए हैं।