बदायूं : साक्षरता सप्ताह में जिले के 1069 गांवों में साक्षरता केंद्र, मगर साक्षर बनाने में हावी अनदेखी, शिक्षा विभाग का 39 हजार की साक्षरता परीक्षा कराने का किया दावा, हकीकत से परे
- जिले के 1069 गांवों में साक्षरता केंद्र, मगर साक्षर बनाने में हावी अनदेखी
- शिक्षा विभाग का 39 हजार की साक्षरता परीक्षा कराने का किया दावा, हकीकत से परे
जागरण संवाददाता, बदायूं : विश्व साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य पर बेशक राज्य सरकार साक्षरता सप्ताह मना रही है। मगर शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अनदेखी से साक्षरता मिशन भी सिर्फ कागजों तक सीमित है। न तो प्रेरक साक्षरता केंद्र पर पढ़ाते में रुचि लेते हैं, और न ही निरक्षरों को साक्षर बनाने का महत्व समझाने में कोई दिलचस्पी दिखाते है। अलबत्ता सिर्फ एक दिवस और अभियान के रूप में साक्षर भारत मिशन अपनी उम्र पूरी करता जा रहा है। निरक्षरों की तादाद जस की तस है। इतना है नहीं बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और डिग्री कॉलेजों के जरिए हर रोज साक्षरता सप्ताह पर जागरुकता कार्यक्रम व अन्य गतिविधियां आयोजन का फरमान भी जारी हुआ। मगर हर स्कूल, कॉलेज में साक्षरता सप्ताह भी अनदेखी की गिरफ्त में फंस गया है।
हर गांव में साक्षर भारत मिशन अंतर्गत साक्षरता केंद्र खोले गए हैं। जिले में करीब 1069 साक्षरता केंद्र है। हाल में साक्षरता परीक्षा हुई। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इसमें करीब चालीस हजार लोगों को परीक्षा में शामिल होना बताया गया। मगर परीक्षा में करीब 39000 हजार निरक्षरों ने साक्षरता परीक्षा में भाग लिया। यह आंकड़े बेसिक शिक्षा विभाग के हैं। जाहिर है कि यूपी बोर्ड परीक्षा में भी इतने पंजीकृत विद्यार्थियों ने तीस से चार हजार विद्यार्थी अनुपस्थित रहते हैं। मगर बेसिक शिक्षा विभाग ने चालीस हजार में महज एक हजार अनुपस्थित दर्शाकर साक्षरता परीक्षा की रिपोर्ट तैयार कर ली। साक्षरता केंद्रों की स्थिति यह है कि यह सिर्फ नाम मात्र के लिए चल रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन ने हर स्कूल, कॉलेज में साक्षरता सप्ताह अंतर्गत कार्यक्रम कराने का निर्देश दिया। कार्यक्रम की फोटो और वीडियो के साथ रिपोर्ट भी मांगी। मगर चंद स्कूलों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी सिर्फ अभियान की रस्म अदा कर रहे हैं। साक्षरता और जागरूकता से कोई सरोकार नहीं दिख रहा है। डीआइओएस राकेश कुमार ने कहा कि हर विद्यालय साक्षरता जागरुकता कार्यक्रम करेंगे। ताकि अधिक से अधिक लोग साक्षर बन सकें।