रायबरेली : 'घर वापसी’ को गुरू जी चाहते हैं मनचाहा स्कूल, संशोधन के लिए करीब 115 शिक्षक कर चुके है आवेदन, 21 को नहीं किया ज्वाइन तो आदेश होगा निरस्त
जागरण संवाददाता, रायबरेली : सरकार ने अंतरजनपदीय तबादला नीति जारी करके शिक्षकों की ‘घर वापसी’ तो करा दी है, लेकिन शिक्षक अच्छे स्कूल पाने के लिए बीएसए दफ्तर की परिक्रमा कर रहे है। गैर जनपदों से स्थानांतरित होकर रायबरेली आए 161 शिक्षकों की काउंसलिंग कर 14 सितंबर को ज्वाइनिंग लैटर जारी किए गए। लेकिन शिक्षकों ने स्कूलों में ज्वाइन करने के बजाय विधायकों, शिक्षक नेताओं व विभागीय अफसरों का दामन थाम संशोधन कराने के प्रयास में जुट गए। संशोधन प्रक्रिया गतिमान होने की चर्चा में एक सैकड़ा से अधिक शिक्षकों ने 19 सितंबर तक ज्वाइन नहीं किया। और 115 शिक्षकों ने संशोधन को आवेदन कर दिया। अब शिक्षकों ने अगर 21 सितंबर तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो ज्वाइनिंग आदेश खुद-ब-खुद निरस्त हो जाएंगे। 1अंतरजनपदीय तबादले का शासनादेश जारी हुआ तो शिक्षकों के चेहरों पर ‘घर वापसी’ खुशियां साफ दिखी। गैर जिलों से रायबरेली कुल 161 शिक्षक ज्वाइन करने को आएं। लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया से पहले गैर जनपदों से आए शिक्षकों ने ब्लॉक संसाधन केंद्रों और बीइओ की परिक्रमा तेज कर दी। जिससे उन्हें अच्छे स्कूलों की लिस्ट मिल गई। लिस्ट मिलने पर बंद डिब्बे में ‘मिठाई’ भी दी गईं। काउंसलिंग के बाद 14 सितंबर को गैर जनपदों से स्थानांतिरत होकर शिक्षकों को ज्वाइनिंग लैटर जारी कर दिया गया। लेकिन शिक्षकों को मन मुताबिक स्कूल नहीं मिले। जिस पर शिक्षकों ने हाईवे के किनारे स्कूलों में संशोधन को आवेदन कर दिया। संशोधन के लिए कुछ शिक्षक विधायकों की चौखट पर पहुंचे तो कुछ ने शिक्षक नेताओं का दामन थाम लिया। जिनका ज्यादा रसूख था उन्होंने सीधे शिक्षाधिकारियों के मुलाकात की । लेकिन एक प्रशासनिक अफसर ने शिक्षाधिकारियों की चूड़यिां कस दी। जिसके कारण 19 सितंबर तक एक भी संशोधन आदेश जारी नहीं हो सका। वहीं करीब 30 शिक्षकों ने संशोधन की आस छोड़ते हुए स्कूलों में ज्वाइन कर लिया।
सलोन विधायिका ने लिखा पत्र : गैर जनपद तबादले में विश्वेश कुमार शुक्ला कुशीनगर से स्थानांतरित होकर रायबरेली आएं। जिन्हें 14 सितंबर को ज्वाइनिंग आदेश दे दिया गया। लेकिन मनमुताबिक स्कूल न मिलने पर शिक्षक ने सलोन विधायिका आशा किशोर से जरिए अपनी पैरव करवाकर बीएसए कार्यालय भिजवा दी। आशा किशोर ने लैटरपैट पर लिखा कि ‘विश्वेश कुमार शुक्ला कुशीनगर से आए है। जिनका नियुक्ति सलोन विकास क्षत्रे के प्राथमिक विद्यालय कोडरी में प्रधानाध्यापक के पद पर की जाए।’ ऐसे ही विधायकों के कई पत्र विभागीय फाइलों में कैद है।
राही व बछरावां की डिमांड : गैर जनपदों से आए शिक्षकों ने अभी तक सबसे ज्यादा राही और बछरावां ब्लॉक में अपनी पो¨स्टग कराने की सिफारिश की है या तो करवाई है। क्योंकि बछरावां ब्लॉक लखनऊ से सटा हुआ है और राही ब्लॉक शहर क्षेत्र से जुडा है। इन ब्लॉकों में अगर राइट-टू-एजूकेशन (आइटीइ) के तहत देखा जाए तो दोनों ब्लॉकों में मानकों से ज्यादा शिक्षक तैनात मिलेंगे।
📌 रायबरेली : 'घर वापसी’ को गुरू जी चाहते हैं मनचाहा स्कूल, संशोधन के लिए करीब 115 शिक्षक कर चुके है आवेदन, 21 को नहीं किया ज्वाइन तो आदेश होगा निरस्त
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