शिक्षा मित्रों को नहीं मिलेगा ‘लीन’ का लाभ
इलाहाबाद। प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को ‘लीन’ (दो पदों पर नौकरी सुरक्षित रखने)का लाभ नहीं मिलेगा। शिक्षा मित्रों की ओर से दाखिल याचिका निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि याचीगण का मामला अभी सुप्रीमकोर्ट में लंबित है। वह चाहें तो सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर सकते हैं। अरुण कुमार और 28 अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अधिवक्ता संजय चतुर्वेदी और भूपेंद्र सिंह यादव ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया कि याचीगण प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों का चयन उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित विज्ञान के सहायक अध्यापक के पद पर हो गया है। मांग की गई कि जब तक गणित विज्ञान के पद पर नियुक्ति कं फर्म न हो जाए उनको प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद बनाए रखा जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग की दलील थी कि याचीगण शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के पद समायोजित हुए थे। उनका समायोजन हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किया जा चुका है। मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है। याचीगण सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत नौकरी में बने हुए हैं। लीन का लाभ नियमित रूप से चयनित अध्यापकों को ही दिया जा सकता है। कोर्ट ने दलील मंजूर करते हुए याचिका निस्तारित कर दी। साथ ही याचीगण को सुप्रीमकोर्ट में अर्जी दाखिल करने की छूट दी है।