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महराजगंज : होमवर्क के बोझ से मुरझाता बचपन, कक्षा चार तक के बच्चों को तो होमवर्क मिलना ही नहीं चाहिए पर अब वर्तमान समय में निजी स्कूलों से एलकेजी में पढ़ने वाले बच्चों पर भी होमवर्क लाद दिया जा रहा है जो उन्हें बीमारी की ओर धकेल रहा

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महराजगंज : होमवर्क के बोझ से मुरझाता बचपन, कक्षा चार तक के बच्चों को तो होमवर्क मिलना ही नहीं चाहिए पर अब वर्तमान समय में निजी स्कूलों से एलकेजी में पढ़ने वाले बच्चों पर भी होमवर्क लाद दिया जा रहा है जो उन्हें बीमारी की ओर धकेल रहा

बच्चों में बढ़ रहा तनाव
शिक्षाविद व पीजी कालेज में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा. महेश मणि त्रिपाठी कहते हैं कि कक्षा चार तक के बच्चों को तो होमवर्क मिलना ही नहीं चाहिए पर अब वर्तमान समय में निजी स्कूलों से एलकेजी में पढ़ने वाले बच्चों पर भी होमवर्क लाद दिया जा रहा है जो उन्हें बीमारी की ओर धकेल रहा है। यह होमवर्क बच्चों में तनाव बढ़ा रहा है। इस पर प्र¨तबध नहीं लगाया गया तो बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और वह हमेशा तनाव में रहेगा।

जागरण संवाददाता, महराजगंज : होमवर्क के लोड से बच्चों के साथ ही माता-पिता भी परेशान रहने लगे हैं। इसके दबाव से बचपन मुरझाता जा रहा है। अब तो इसका दबाव बच्चों संग अभिभावक को भी महसूस होने लगा है और वे शिक्षा व्यवस्था को कोस रहे हैं। जागरण टीम ने आज इंग्लिश मीडियम व प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा चार तक के बच्चों के माता-पिता, शिक्षाविद व मनोवैज्ञानिकों से बात की।

प्रस्तुत है अभिभावकों संग शिक्षाविदों की जुबानी होमवर्क से बच्चों को होने वाली परेशानी की कहानी :

बच्चे को होमवर्क से हो रही दिक्कत

शास्त्रीनगर वार्ड की मधु शुक्ला कहती हैं कि छोटे बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि होमवर्क से बच्चों को दिक्कत होती है। स्कूल से लौटते ही होमवर्क के दबाव से वे ठीक से खेलकूद भी नहीं पाते। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक इतना होमवर्क दे देते हैं कि बच्चे के साथ माता-पिता भी परेशान हो उठते हैँ। बेटा अर्पित स्कूल में डांट न खाए इसलिए खुद उसका होमवर्क पूरा कराती हूं और कभी-कभी तो खुद ही पूरा करती हूं। इस पर रोक लगनी चाहिए।

होमवर्क पर लगे रोक : मनौवैज्ञानिक अमरेन्द्र शर्मा ने कहा कि एलकेजी से लेकर कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्कूल में चार से पांच घंटे पढ़ने के बाद घर आते ही होमवर्क के दबाव से बचपन दबता जा रहा है, इसलिये इस पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।

होमवर्क के दबाव से गुमसुम रहता बच्चा :

नगर पालिका परिषद महराजगंज के शास्त्रीनगर निवासिनी कालिंदी देवी ने बताया कि बेटा हर्षित कुमार शहर में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में में पढ़ता है। इस स्कूल से प्रतिदिन हर विषय में इतना होमवर्क मिलता है कि उसे पूरा करने से वह घबराता है। हम उम्र बच्चों को घर पर खेलते देखता है तो खेलने को जोर मारता है। वह खेल सके इसके लिए बेटे को मिला होमवर्क खुद ही कर देती हूं। हमारा मानना है कि छोटे बच्चे को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए।कालिंदी।अमरेंद्र शर्मा।मधु शुक्ला।

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