बलिया : एक बीएसए ऐसे भी बीएसए ने पेश की दरियादिली की मिसाल
बलिया : आज सरकारी महकमों में कार्यरत अधिसंख्य अधिकारी व कर्मी अपने कर्तव्यों का पालन अनमने तरीके से ही करते हैं पर इसमें कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी संवेदनशीलता की वजह से समाज के लिए नजीर बन जाते हैं। जी हां कुछ इसी तरह के हैं बेसिक शिक्षाधिकारी डा.राकेश कुमार ¨सह जो शनिवार को कार्यालय में उत्पन्न हुई स्थिति के बाद वहां मौजूद लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गए। रोजाना की भांति डा.राकेश ¨सह कार्यालय में कार्यों को निपटा रहे थे कि इसी बीच बदहवास स्थिति में एक महिला पहुंची और उनके सामने संकोच के साथ खड़ी होकर अपना दर्द बयां करने लगी। गड़वार क्षेत्र के भदपा हजौली निवासी महिला सुधा ने बीएसए को आवेदन देकर अपनी पूरी व्यथा बताई। सुधा के पति गढ़मलपुर में प्राथमिक विद्यालय नंबर दो पर प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद कार्यरत हैं और वह कुछ दिनों से लीवर में दिक्कत आने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती हैं। इधर किन्हीं कारणों से विभाग द्वारा उनको निलंबित कर दिया गया था जिससे इलाज आदि में ही दिक्कत होने लगी। सुधा ने कातर भाव से जब बीएसए के सामने अपना दुखड़ा रखा तो कार्यालय में पूरा माहौल ही गमगीन हो गया है। उन्होंने बताया कि पति का लीवर पूरी तरह खराब हो चुका है और इलाज कराने में पूरे रुपये भी खत्म हो गए हैं। निलंबित होने की वजह से उनका वेतन भी नहीं मिल रहा जिससे आगे इलाज कराना भी संभव नहीं है। इतना बताते ही सुधा रो पड़ी जिसके बाद वहां बैठे लोगों के भी आंखों में आंसू आ गए। महिला की वेदना को सुन कर बीएसए ने तत्काल मातहतों को बुलाकर उसके पति अखिलेश के निलंबन को वापस लेने के निर्देश देते हुए इलाज हेतु खुद की जेब से दस हजार रुपये भी दिए। साथ ही अखिलेश के सभी बकायों के तत्काल भुगतान के आदेश देकर महिला को हरसंभव सहायता के आश्वासन दिए। कहा कि अच्छे से अच्छे जगह इलाज कराइए इसमें जो भी खर्च होगा उसे विभाग तत्काल मुहैया कराएगा। इसके अलावा उन्होंने अखिलेश के इलाज आदि की जानकारी लेने के साथ किसी अच्छे अस्पताल में ले जाने की भी व्यवस्था करने को कहा। बीएसए की इस दरियादिली को देख वहां मौजूद सभी लोग उनके कायल हो गए।
.... Its a great example of humanity. We are proud of uchal officer shanti Swaroop
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