कैसे हो पढ़ाई, जब यहां शिक्षक ही नही
कुशीनगर: बुनियादी शिक्षा को लेकर जिले का बेसिक शिक्षा विभाग कितना सजग है, इसका अंदाजा उच्च प्राथमिक विद्यालय सरपतही खुर्द को देख सहज ही लगाया जा सकता है। यहां चालीस बच्चों का नामांकन है पर उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक एक भी नहीं। विद्यालय पर तैनात रहे शिक्षक बीते 31 मार्च को ही सेवानिवृत्त हो गए, तब से आज तक विद्यालय पर शिक्षक की तैनाती नहीं हो सकी है। विशुनपुरा विकास खंड के गांव सरपतहीं खुर्द स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल में कभी बच्चों की संख्या दो सौ से अधिक की होती
थी तो शिक्षकों की संख्या भी लगभग आधा दर्जन से अधिक। क्षेत्र के सबसे प्राचीन इस विद्यालय की अपनी अलग पहचान थी। यहां नामांकन ले पढ़ाई करने वाले बच्चों की लंबी कतार लगती। ¨कतु विभागीय लापरवाही के चलते विद्यालय आज अपनी पहचान को तरस रहा है। यहां नामांकित चालीस बच्चे हर रोज नई उम्मीद
लेकर स्कूल आते हैं लेकिन शैक्षिक कार्य हेतु निर्धारित समय बीतने के बाद घर वापस लौटने को विवश हो जाते। विद्यालय का चार्ज परिसर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिरुद्ध मौर्य के पास है। मौर्य कहते हैं कि
प्राथमिक विद्यालय के कार्यों से ही समय नहीं मिलता कि उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पढ़ाया जा सके। एक अदद शिक्षक की तैनाती के लिए तरस रहे इस विद्यालय के बच्चों व अभिभावकों की इच्छा कब पूरी होगी यह तो विभागीय जिम्मेदारी ही जानें पर विकास क्षेत्र के ही कई स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों की संख्या चार से पांच है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चार से पांच शिक्षकों वाले इन विद्यालयों में छात्रों की संख्या चालीस से साठ है। गांव के छट्ठू भगत, मुखलाल यादव, रंजीत दूबे, फुलमती आदि ने बच्चों के हित में विद्यालय में शीघ्र शिक्षक तैनात किए जाने की मांग की है।