रामपुर : होमवर्क पर नहीं, पढ़ाई पर रहता है फोकस, छोटी कक्षाओं के बच्चों को होमवर्क तभी दिया जाता है, जब आवश्यक हो अथवा लंबी छुट्टियां होती
रामपुर : रामपुर पब्लिक स्कूल, जहां होमवर्क पर नहीं, बल्कि पढ़ाई पर फोकस रहता है। इसके लिए स्कूल में ही अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाती हैं। साथ ही छोटी कक्षाओं के बच्चों को होमवर्क तभी दिया जाता है, जब आवश्यक हो अथवा लंबी छुट्टियां होती हैं।
बदलते दिनों के साथ शिक्षा के तौर तरीके भी बदल गए। पहले जहां स्कूलों में पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था, वहीं अब स्कूलों में होमवर्क पर विशेष ध्यान रहता है। शिक्षक बच्चों को इतना होमवर्क दे देते हैं कि बच्चों को घर पर फुर्सत ही नहीं मिल पाती है। आधा दिन स्कूल में तो शेष समय होमवर्क पूरा करने में ही बीत जाता है। ऐसे में जहां बच्चों की उम्र खेलने कूदने की है, वहां होमवर्क का तनाव उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रभावित कर रहा है, किन्तु यह स्थिति सभी स्कूलों की नहीं है। जिले में ऐसे स्कूल भी हैं, जहां होमवर्क पर कम और पढ़ाई पर ज्यादा फोकस रहता है। रामपुर पब्लिक स्कूल भी इनमें से एक है। इस स्कूल में शैक्षिक वातावरण इस तरह से संजोया गया है कि बच्चों को खेलने कूदने से लेकर पढ़ने तक का पूरा समय मिलता है। प्रधानाचार्य राशिद खान बताते हैं कि होमवर्क का बोझ छोटी कक्षाओं के बच्चों पर नहीं होना चाहिए। हमें बच्चों के मानसिक स्तर और उनकी आयु का खास ध्यान रखना चाहिए। लिहाजा, स्कूल में होमवर्क उतना ही दिया जाता है, जितना जरूरी है। इसमें भी प्रत्येक कक्षा में ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जो जहनी तौर पर थोड़ा कमजोर हैं। स्कूल में ऐसे करीब 70 बच्चे हैं। इन्हें होमवर्क बिल्कुल भी नहीं दिया जाता है, इनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगती हैं। बड़ी कक्षाओं में भी हमारे शिक्षक शिक्षिकाएं होमवर्क से ज्यादा कक्षा में पढ़ाने पर ध्यान देते हैं। हम समझते हैं कि होमवर्क का ज्यादा बोझ बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित करता है। कम होमवर्क देने के नतीजे भी सामने हैं।
उन्होंने बताया कि जहनी तौर पर कमजोर बच्चे भी बिना किसी होमवर्क के क्लास में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। समय समय पर होने वाली परीक्षाओं में उनके अंक भी अच्छे आते हैं। हमारा हरसंभव प्रयास रहता है कि बच्चों के लिए शिक्षा का ऐसा वातावरण तैयार करें, उनकी मनोदशा के अनुरूप हो और बच्चे तनाव की जगह अच्छा महसूस करें।
स्कूल में होमवर्क बहुत दिया जाता है। पूरा दिन काम करते रहते हैं। खेलने भी नहीं मिलता है, लेकिन जिस दिन होमवर्क नहीं मिलता है, उस दिन खूब मस्ती करते हैं।
महब
स्कूल में कभी कभी होमवर्क ज्यादा मिलता है। इससे दिक्कत होती है। कई बार तो होमवर्क पूरा भी नहीं हो पाता, जिस कारण क्लास में डांट पड़ती है। खेलने भी नहीं मिलता।
जुमैरा फात्मा
स्कूल में होमवर्क काफी मिलता है। पहले उसे पूरा करो, फिर लर्निंग का भी रहता है। इससे खेलने का समय ही नहीं मिल पाता। पूरा दिन पढ़ने में बीत जाता है। इससे दिक्कत होती है।
शिवम राजपूत
होमवर्क से बड़ी दिक्कतें होती हैं। न खेलने का वक्त मिलता है और न ही पूरी तरह सोने का। सुबह को जल्दी उठा दिया जाता है। होमवर्क ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए।
अनमता