इलाहाबाद : संस्थागत यानी रेगुलर परीक्षार्थियों की संख्या घट गई है, वहीं व्यक्तिगत यानी प्राइवेट परीक्षार्थी बढ़े, यूपी बोर्ड में पहली बार ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने वाले परीक्षार्थियों में आयी कमी
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड में ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने या पंजीकरण कराने वाले की दावेदारी निरस्त हो जाना सामान्य बात है, लेकिन सबको हैरत में डालते हुए इस बार परीक्षार्थियों ने खुद अपनी दावेदारी वापस ले ली है। इसीलिए संस्थागत यानी रेगुलर परीक्षार्थियों की संख्या घट गई है, वहीं व्यक्तिगत यानी प्राइवेट परीक्षार्थी बढ़े हैं। माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड अफसरों को चकमा देकर परीक्षा का फार्म भरने वालों ने समय रहते पैर वापस खींचकर व्यक्तिगत परीक्षार्थी बन गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 के लिए ऑनलाइन फार्म भरने की अंतिम तारीख 20 अगस्त तक तय थी। उस समय तक 60 लाख युवाओं ने परीक्षा में शामिल होने के लिए दावेदारी की थी। अंतिम तारीख बीतने के बाद बोर्ड के अफसर परीक्षा तैयारियों में जुट गए थे, तभी प्रदेश के तमाम जनप्रतिनिधियों ने शासन में पैरवी करके परीक्षा फार्म भरने एवं पंजीकरण कराने की तारीख बढ़वा ली। उनका तर्क था कि प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के कारण स्कूलों में अवकाश था, इसलिए आवेदन पूरे नहीं हो सके।
शासन के फरमान पर आठ से 22 सितंबर तक फिर वेबसाइट खोलकर ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरवाए गए। इस दौरान परीक्षार्थियों की रिपोर्ट देखकर अफसर हैरत में हैं। आश्चर्यजनक तरीके से हाईस्कूल में 12600 संस्थागत परीक्षार्थी घट गए हैं, वहीं 24200 व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी है। ऐसे ही इंटरमीडिएट में 6100 संस्थागत परीक्षार्थी घटे हैं और 25 हजार व्यक्तिगत परीक्षार्थी बढ़ गए हैं। माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड ने इस बार परीक्षा फार्म भरने के दौरान पिछले 15 वर्षो की परीक्षार्थियों का जो डाटा लिंक किया उसी वजह से हेराफेरी पर विराम लगा है और फर्जी अभ्यर्थियों ने खुद मैदान छोड़ दिया है।