महराजगंज : कस्तूरबा में भ्रष्टाचार की हुई जांच, तीन दिनों तक बीएसए दफ्तर पर डटे रहे अधिकारी, जिस पर था आरोप, वही लगा रहा आवाभगत में
जागरण संवाददाता, महराजगंज: सर्व शिक्षा अभियान में सहायक लेखाधिकारी को रिलीव किए जाने के बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में भ्रष्टाचार का मामला जग जाहिर होने पर राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ की तीन सदस्यीय टीम ने तीन दिनों तक फाइलों को खूब खंगाला। विद्यालयों में खर्च किए गए विभिन्न मदों की जांच कर रिपोर्ट अपने साथ ले गई। अधिकारियों के इस कार्रवाई से तीन दिनों तक हड़कंप की स्थिति बनी रही। इससे जुड़े अधिकारी कर्मचारी अपना गला फंसता देख इनके आवा भगत में लग रहे।
दरअसल सहायक लेखाधिकारी वाचस्पति द्विवेदी को रिलीव किए जाने के बाद उन्होंने निदेशक, डीएम सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर बालिका विद्यालय में भ्रष्टाचार की कलई खोलनी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि अधिकारी उन पर गलत ढंग से भुगतान करने का दबाव बना रहे थे। ऐसा नहीं करने पर उन्हें देवरिया जिले के लेखाधिकारी के लिए आए आदेश के नाम पर कार्रवाई कर रिलीव कर दिया गया। इस भ्रष्टाचार में डीसी बालिका महेंद्र यादव की भूमिका संदिग्ध है।
हालांकि डीसी बालिका ने भी अपना पक्ष रखते हुए आरोप को निराधार करार दिया था। इसके बाद पिछले दिन दिनों से एके मल्होत्र, एसके महरोत्र, शरद रस्तोगी की तीन सदस्यीय टीम लखनऊ से आकर बीएसए कार्यालय में डेरा डाली हुई थी। सर्व शिक्षा अभियान के मद से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में खर्च होने वाली धनराशि की फाइल की जांच की। इस दरम्यान अधिकारियों ने संबंधित से कई सवाल जवाब भी किए और फाइल समेट कर बुधवार को लखनऊ के लिए रवाना हो गए। तीन दिनों तक बीएसए कार्यालय में हड़कंप की स्थिति बनी रही। बुधवार को अधिकारियों के लखनऊ रवाना होने के बाद यहां अधिकारियों व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।