बीटीसी की सीटें नहीं भरने से कालेज संचालक परेशान
बीटीसी सत्र 2015 के लिए काउंसिलिंग चल रही है। ऐसे में कालेज संचालकों की परेशानी बढ़ी है। सीटें न भर पाने से कालेज संचालक के चेहरे लटके हुए हैं। ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को प्रवेश दिलाने के लिए कालेजों ने प्रचार शुरू कर दिया है। डायट पर कालेजों ने बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए हैं। साथ ही अभ्यर्थियों को लुभाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिए जा रहे है
जिले में 34 निजी कालेजों में 1700 सीटों पर बीटीसी की मान्यता है।
पिछले सत्र में लेटलतीफी के चलते तमाम कालेजों में सीटें खाली रह गई थीं। इसलिए इस बार कालेज संचालक पूरी तरह से अभ्यर्थियों को लुभाने में लगे हैं। आलम यह है कि जिले की कुल दो हजार सीटों में अब तक डायट की सीटें ही भर पाई हैं। जबकि निजी संस्थान जुगाड़ में लगे हैं। अभ्यर्थियों को आकर्षित करने के लिए कालेजों ने डायट परिसर और उसके बाहर बड़े-बड़े होर्डिंग लगा रखे हैं। मंगलवार को डायट पर विज्ञान वर्ग की महिला अभ्यर्थियों की प्रवेश के लिए काउंसलिंग हुई। इस दौरान चयनित अभ्यर्थियों ने डायट में प्रवेश को 10200 रुपये और निजी कालेज में प्रवेश के लिए 41000 रुपये का ड्राफ़्ट जमा किया। डायट प्राचार्य मनोज गिरि ने बताया कि अभी प्रवेश के लिए शुल्क जमा कराया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित किए जाएंगे। इस बार जिले में कोई सीट खाली न रहेगी।