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महराजगंज : होमवर्क के बोझ से बच्चे तबाह, अभिभावक भी होम वर्क पूरा कराने के लिए बच्वों पर दबाव बनाते हैं जिससे बच्चे का हंसना, खिलखिलाना व उधम मचाना सब कुछ कमतर होता जा रहा है, उसके स्वभाव में परिवर्तन आ रहा

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महराजगंज : होमवर्क के बोझ से बच्चे तबाह, अभिभावक भी होम वर्क पूरा कराने के लिए बच्वों पर दबाव बनाते हैं जिससे बच्चे का हंसना, खिलखिलाना व उधम मचाना सब कुछ कमतर होता जा रहा है, उसके स्वभाव में परिवर्तन आ रहा

जागरण संवाददाता, महराजगंज : प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को होमवर्क देने की होड़ लग गयी है। स्कूलों में पढ़ाते कम हैं पर होमवर्क ज्यादा देते हैं। इससे बच्चे पर लगातार दबाव बढ़ रहा है और इस बोझ से हर बच्चा तबाह हैं। बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और वह खेलने के लिए भरपूर समय नहीं निकाल पा रहे हैं। अभिभावक भी होम वर्क पूरा कराने के लिए बच्वों पर दबाव बनाते हैं जिससे बच्चे का हंसना, खिलखिलाना व उधम मचाना सब कुछ कमतर होता जा रहा है। उसके स्वभाव में परिवर्तन आ रहा है और बचपन का आनंद खत्म होता जा रहा है।

जागरण टीम ने आज प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा चार तक के बच्चों के माता-पिता व शिक्षाविदों से बात की। प्रस्तुत है अभिभावकों व शिक्षाविदों की जुबानी होमवर्क से बच्चों को होने वाली परेशानी की कहानी :-

बच्चों की परेशानी बढ़ी : गृहिणी पूनम वर्मा कहती हैं कि बेटी एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा चार में पढ़ती है। इस स्कूल से इतना अधिक होमवर्क मिलता है कि उसे पूरा करने में खेल नहीं पाती और उदास हा जाती है। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक इतना होमवर्क दे देते हैं कि उसे पूरा कराने के लिए बेटी के साथ हमें भी लगना पड़ता है। हमारा मानना है कि कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए।

कक्षा वार तक होमवर्क पर प्रतिबंध जरूरी : गृहिणी रिंकी शर्मा ने बताया कि बेटा आराध्य शहर में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा दो में पढ़ता है। इस स्कूल से प्रतिदिन हर विषय में इतना होमवर्क मिलता है कि पूरा करने से वह घबराता है। हम उम्र बच्चों को घर पर खेलते देखता है तो खेलने को जोर मारता है। वह खेल सके इसके लिए बेटे को मिला होमवर्क खुद ही कर देती हूं। हमारा मानना है कि छोटे बच्चे को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए।

स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव: शिक्षाविद राजेश कुमार ने कहा कि एलकेजी से लेकर कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्कूल में चार से पांच घंटे पढ़ने के बाद घर आते ही होमवर्क के दबाव से बचपन दबता जा रहा है, इसलिए इस पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।

बच्चों को बीमार बना रहा होमवर्क : शिक्षाविद ओम प्रकाश सिंह कहते हैं कि होमवर्क बच्चों को बीमार बना रहा है। इससे स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए और अधिकारियों को इस पर प्र¨तबध नहीं लगाया गया तो बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और वह हमेशा तनाव में रहेगा।

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