महराजगंज : होमवर्क के बोझ से घुटता बचपन, जागरण टीम ने आज प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा चार तक के बच्चों के माता-पिता व शिक्षाविदों से बात की।
जागरण संवाददाता, महराजगंज : होमवर्क के बोझ से बच्चे परेशान रहने लगे हैं। इसके दबाव से बचपन घुटता जा रहा है। उनका हंसना, खिलखिलाना बंद होने लगा है और वे अवसाद से ग्रसित होते जा रहे हैं। उनके स्वभाव में परितवर्तन आने लगा है। अब तो इसका दबाव अभिभावक को भी महसूस होने लगा है और वे शिक्षा व्यवस्था को कोस रहे हैं। जागरण टीम ने आज प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा चार तक के बच्चों के माता-पिता व शिक्षाविदों से बात की।
प्रस्तुत है अभिभावकों व शिक्षाविदों की जुबानी होमवर्क से बच्चों को होने वाली परेशानी की कहानी-
होमवर्क से हो रही बच्चों को परेशानी
शिक्षाविद धनंजय सिंह कहते हैं कि कक्षा चार तक के बच्चों को तो होमवर्क मिलना ही नहीं चाहिए पर अब वर्तमान समय में निजी स्कूलों से एलकेजी में पढ़ने वाले बच्चों पर भी होमवर्क लाद दिया जा रहा है जो उन्हें बीमारी की ओर धकेल रहा है। यह होमवर्क बच्चों में तनाव बढ़ा रहा है। इस पर प्र¨तबध नहीं लगाया गया तो बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और वह हमेशा तनाव में रहेगा।
होमवर्क पर लगे रोक
शिक्षाविद अखिलेश्वर राव ने कहा कि एलकेजी से लेकर कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्कूल में चार से पांच घंटे पढ़ने के बाद घर आते ही होमवर्क के दबाव से बचपन दबता जा रहा है, इसलिये इस पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।
होमवर्क पूरा करने से घबराती है बेटी
नगर पालिका परिषद महराजगंज के राजीव नगर वार्ड निवासिनी सुनीता चौरसिया ने बताया कि बेटी सलोनी शहर में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा एक में पढ़ती है। इस स्कूल से प्रतिदिन हर विषय में इतना होमवर्क मिलता है कि उसे पूरा करने से वह घबराती है। हम उम्र बच्चों को घर पर खेलते देखती है तो खेलने को जोर मारती है। वह खेल सके इसके लिए बेटी को मिला होमवर्क खुद ही कर देती हूं। हमारा मानना है कि छोटे बच्चे को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए।
होमवर्क पर लगे रोक
शहर के राजीव नगर निवासी प्रीति गुप्ता कहती हैं कि हमारा बेटा एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ता है। इस स्कूल से इतना अधिक होमवर्क मिलता है कि घर आने पर शिकायत करता है कि सर जी को रोज-रोज होमवर्क देने से मना कर दीजिए। उन्होंने कहा कि कक्षा चार तक के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि होमवर्क से बच्चों को दिक्कत होती है। होमवर्क के दबाव से वे ठीक से खेलकूद भी नहीं पाते और गुमसुम रहते हैँ।