महोबाः विजिलेंस टीम के आने के बाद बीएसए दफ्तर में मचा हड़कंप
महोबाः उत्तर प्रदेश 10 अगस्त को बेसिक शिक्षा कार्यालय में महोबा के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रामेश्वर पाल को 50 हजार रुपए की घूस लेते
रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद शुक्रवार को विजलेंस की टीम दोबारा बीएसए दफ्तर में पहुंची। टीम में विवेचक रवीन्द्र सिंह के साथ सब इंस्पेक्टर व आरक्षी थे। टीम के पहुंचने के पहले ही बीएसए कार्यालय छोड़ चुके थे। दोपहर को कार्यालय में जैसे ही टीम पहुंची और विवेचक ने नजर नक्शा बनाना प्रारंभ किया, धीरे धीरे करके एक-एक कर्मचारी निकलता चला गया। धीरे-धीरे करके चपरासी व एक दो छोटे स्तर के बाबुओं के अलावा वहां पर कोई नहीं बचा।
इस दौरान उन्होंने जब संबंधित पत्रावलियों की मांग किया तो वहां पर देने के लिए कोई मौजूद नही था। उन्होंने बीएसए को फोन किया तो उन्होंने तुरन्त आने से इंकार कर दिया। इस दौरान संबंधित पत्रावलियों को प्राप्त करने के लिए उन्होंने कार्यालय के एक क्लर्क को नोटिस दिया।
इसके बाद उन्होंने आल इंडिया यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के बुंदेलखंड प्रभारी विक्रांत पटैरिया के बयान भी दर्ज किए। बयान देने के बाद विक्रांत पटैरिया ने बताया कि इस मामले में सह आरोपी खंड विकास अधिकारी जैतपुर रमाकांत सिंह भी है। इनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
उधर, विजलेंस के सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले तारीख में न्यायालय ने आरोपी बीएसए की जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। वह लखनऊ के कारागार में बंद हैं। अब जब वह उच्च न्यायालय में जमानत के लिए जाएंगे तो उसके बाद ही उनके बाहर आने के बारे में कोई निर्णय आएगा। वैसे विजलेंस के अधिकारी सरकारी गवाह जिला विकास अधिकारी कार्यालय भी गए, पर उनके बाहर होने के कारण उनके बयान दर्ज नहीं हो सके।