मैनपुरी : 118 सहायक अध्यापक बने प्रधानाध्यापक, गुरुवार को बीएसए कार्यालय में महिला शिक्षकों और विकलांग शिक्षकों को मनमाफिक विद्यालय देने के लिए तीन विकल्प भरवाए गए
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: काफी समय से प्रधानाध्यापक बनने का इंतजार कर रहे सहायक अध्यापकों को आखिरकार प्रधानाध्यापक बनने का मौका मिल ही गया। गुरुवार को बीएसए कार्यालय में प्रधानाध्यापक बनने वाले शिक्षकों की भीड़ पूरे दिन जुटी रही। विकलांग और महिला शिक्षकों को मनमाफिक विद्यालय देने के लिए तीन विकल्प भरवाए गए।
जिले के परिषदीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के सिर्फ 28 पद ही रिक्त थे, जबकि प्रधानाध्यापक बनने के लिए 118 शिक्षक पात्रता सूची में आ रहे थे। पद कम होने की वजह से विभाग को दिक्कत आ रही थी। विभाग ने सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र लिखकर पद बढ़ाने की मांग की, जिस पर शासन स्तर से सर्व शिक्षा अभियान के तहत 301 प्रधानाध्यापकों के पद स्वीकृत कर दिए गए। शासन से पद स्वीकृत होते ही सभी पात्र शिक्षकों के प्रधानाध्यापक बनने का रास्ता दो दिन पहले ही साफ हो गया था।
गुरुवार को बीएसए कार्यालय में महिला शिक्षकों और विकलांग शिक्षकों को मनमाफिक विद्यालय देने के लिए तीन विकल्प भरवाए गए। पूरे दिन कार्यालय में जुटी रही शिक्षकों की भीड़ ने अपने विकल्प भरकर दिए हैं।
अधिकारी का कहना
'जिले में 118 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन किया गया है। महिला और विकलांग शिक्षकों को सुविधानुसार विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। जबकि पुरुष प्रधानाध्यापकों को आवश्यकतानुसार विद्यालयों पर नियुक्ति दी जाएगी।'
-रामकरन यादव, बीएसए